वाराणसी. शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि पर भक्तों ने महागौरी के दरबार में शीश नवाए. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र स्थित माता अन्नपूर्णा का दरबार मंगला आरती के बाद से ही माता के जयकारे से गूंज रहा है. श्रद्धालुओं ने माता को विभिन्न प्रकार के माला, फूल, फल, मिष्ठान्न, मेवे, पकवान का भोग लगाकर देवी से सुख समृद्धि मांगी. भक्तों ने देवी की परिक्रमा कर विधि-विधान से पूजन अर्चन किया.
माता के मंदिर में दर्शन के लिए बांसफाटक तक भक्तों की कतार लगी रही. मंदिर में सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही. मंगलाआरती के बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए. भक्तों ने माता की 51 से लेकर 501 तक फेरी लगाई. कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर में बने अस्थायी सीढ़ी से होते कतारबद्ध श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते दिखे.
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मंदिर प्रांगण में मां के गगनभेदी जयकारे से गूंज रहे थे. भोर में मंहत शंकर पुरी की देखरेख में भगवती का पंचामृत स्नान कराया गया. नूतन वस्त्र और आभूषण धारण कराने के बाद मंगला आरती की गई. महंत शंकर पुरी ने बताया कि नवरात्र की अष्टमी पर मां अन्नपूर्णा मां गौरी के रूप में पूजी जाती हैं. दर्शन-पूजन के बाद परिक्रमा करने से मां अन्नपूर्णा उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं. जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन से कुछ भी मांगे तो मां अन्नपूर्णा उनकी मन्नत पूरी जरूर करती हैं. दर्शन-पूजन का सिलसिला रात्रि मंदिर बंद होने तक चलता रहेगा.