जबलपुर। जबलपुर में 50 दांत वाला सांप मिलने से देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। सांप घर के किचेन में छिपकर बैठा था। घर वालों को कुछ आहट सुनाई दी। देखा तो बर्तन के पीछे 50 दांत वाला इंडियन वुल्फ स्नेक (indian Wolf Snake) बैठा हुआ था। इसके बाद परिवार वालों ने सर्प विशेषज्ञ को इसकी जानकारी दी। इसके बाद आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सर्प विशेषज्ञ ने सांप को पकड़ने में कामयाबी मिली। इसके दांत नुकीले आरी जैसे होते हैं, इसकी पकड़ इतनी मजबूत होती है। जो भी इसके पकड़े में आता है वह दोबारा नहीं छूटता।
दरअसल पूरा मामला जबलपुर के नेपियर टाउन का है। नेपियर टाउन में रहने वाले नायक परिवार की संजना नायक किचन में खाना बना रही थीं। इसी दौरान उन्हें बर्तन के पीछे कुछ आहट सुनाी दी। देखा तो बर्तन स्टैंड में एक सांप बैठा था।
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परिवार ने इसकी जानकारी सर्प विशेषज्ञ को दी। सूचना पर सर्प विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे पहुंच जाते हैं। करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गजेंद्र दुबे सांप को पकड़ने में कामयाब हो जाते हैं। गजेंद्र ने बताया कि ये वुल्फ स्नेक है। इसके 50 दांत होते हैं, जो की नुकीले आरी जैसे होते हैं, इसकी पकड़ इतनी मजबूत होती है कि जो भी इसके पकड़े में आता है वह दोबारा नहीं छूटता।
इंडियन वुल्फ स्नेक की खासियत
ये विषहीन और मानव के लिए हानिरहित सांप है। इन्हें अक्सर घरों के आसपास छिपकलियों की तलाश में दिवालो पर रेंगते देखा जा सकता है। यह दूर से देखने मे करैत जैसा दिखाई पड़ता है। बिना पहचान किए लोग इसे मार देते है। रंग-रूप में यह करैत से भिन्न होता हैं ,पीठ का रंग भूरा होता है जिसपर पिला-उजला धारियाँ होती है जबकि करैत का पीठ का रंग काला होता है, जिसपर दूधिया सफेद धारियाँ होती है। इसका प्रमुख भोजन लोहटन, छिपकली है। ये भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि देशों में पाए जाते हैं।
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