पी. रंजनदास, बीजापुर. केंद्रीय रिजर्व पुलिस 153 चिन्नागेलूर कैम्प कमांडर एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने प्रसूता लेखम जोगी का सफल प्रसव कराया. सीमित संसाधन एवं सीमित समय में प्रसूता की हालत को देखते हुए मुख्य सड़क के किनारे में ही सफल डिलीवरी कराया गया. ग्रामीणों के आग्रह पर कैम्प कमांडर एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने बच्ची का नाम भारती रखा. साथ ही सीआरपीएफ ने नवजात कन्या के पालन-पोषण एवं शिक्षा संबधी सभी खर्च उठाए जाने की घोषणा की.

मिली जानकारी के मुताबिक, आज लगभग 11ः30 बजे ग्राम पेद्दागेलूर निवासी महिला लेखम जोगी पति लेखम मंगू प्रसव पीड़ा से अत्यंत व्याकुल व गंभीर हालत में गांव वालों के साथ तर्रेम अस्पताल जा रही थी. इस दौरान मरीज की हालत लगातार खराब होती जा रही थी. 153 वाहिनी चिन्नागेलुर कैम्प प्रभारी को जब इस बात का पता चला तो कैंप कमांडर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों व अन्य कार्मिकों के साथ त्वरित कार्रवाई करते हुए मरीज की जान का खतरा को देखते हुए मरीज को कैंप अस्पताल लाने का प्रयास किया, ताकि मरीज का कैंप अस्पताल में प्रसव कराया जा सके.

मरीज इतनी क्रिटिकल अवस्था में थी कि उसकी डिलीवरी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने ग्रामीणों के सहयोग से सड़क किनारे पेड़ की छांव में ही की. प्रसूता लेखम जोगी ने प्रसव पश्चात एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया. प्रसव के उपरांत जच्चा बच्चा दोनों को एंबुलेंस से बेहतर उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बासागुड़ा भेजा गया. केंद्रीय रिजर्व पुलिस के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी व अन्य अधिकारियों ने जिस तरह से सीमित समय और सीमित संसाधनों में मरीज की जान बचाई व सफल प्रसव कराया उससे आम जनता में सीआरपीएफ को लेकर हर्ष का वातावरण है और उन पर भरोसा बढ़ा है.

इस संबंध में कमांडेंट 153 बटालियन ने बताया कि नवजात बच्ची के बेहतर पालन पोषण व शिक्षा संबंधी सभी इंतजाम के लिए सीआरपीएफ द्वारा सहयोग दिया जाएगा. दोपहर बाद लड़की के परिजन व गांव वाले कैंप पहुंचे और कैंप के अधिकारियों से लड़की का नामकरण करने का आग्रह किया. इसके बाद कैंप कमांडर व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने सहर्ष लड़की का नाम भारती रखने का सुझाव दिया, जिसे परिवार वालों ने सहर्ष स्वीकार किया.