Crude Oil Prices Details: रूस-यूक्रेन और अमेरिका-ईरान वार्ता की सफलता का असर कच्चे तेल की कीमतों पर दिख रहा है. अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु वार्ता की प्रगति के कारण आपूर्ति संबंधी समस्याएं कम हुई हैं. जिसके कारण सोमवार को एशिया में कच्चे तेल की कीमतों में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई.

कितना हो गया है कच्चे तेल का भाव
ब्रेंट क्रूड वायदा (Brent crude futures) में 1.50 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसके बाद यह 66.94 डॉलर प्रति barrel पर आ गया. इसके अलावा यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (US West Texas Intermediate crude) में भी 1.52 प्रतिशत की गिरावट आई. इसके बाद कीमत 63.70 डॉलर प्रति barrel पर आ गई.
ईस्टर के कारण आज कई देशों में छुट्टी है, इसलिए सोमवार के सत्र में कच्चे तेल के वायदा कारोबार की मात्रा सामान्य से कम हो सकती है. इस महीने कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है. एक समय ऐसा भी था जब कीमतें चार साल के निचले स्तर पर आ गई थीं. जिसके पीछे की वजह अमेरिकी टैरिफ है.
निवेशकों की चिंताएं बढ़ रही हैं
निवेशकों को चिंता है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग में कमी आ सकती है. इसके अलावा ओपेक के उत्पादन को और तेजी से बढ़ाने के फैसले से भी मंदी बढ़ी है. बाजार में ओवरसप्लाई की संभावना भी बढ़ रही है.
अमेरिका और ईरान के बीच क्या बातचीत हुई
अमेरिका और ईरान ने शनिवार को परमाणु समझौते के लिए रूपरेखा तैयार करने पर सहमति जताई. जिसे अमेरिका और ईरानी अधिकारियों द्वारा अच्छी प्रगति बताया जा रहा है.
अब दोनों देशों के बीच यह वार्ता 3 घंटे से अधिक समय तक चली. यह वार्ता बुधवार को ओमान में फिर से शुरू होगी. जिससे कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है.
रूस यूक्रेन शांति समझौता !
रूस और यूक्रेन ने दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध पर भी कुछ समय के लिए रोक लगा दी है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर लंबी दूरी के ड्रोन और मिसाइल हमलों को 30 दिनों के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव दिया है. दरअसल, रूसी सेना ने ईस्टर के दौरान हवाई हमलों से परहेज किया था. इसके बाद यूक्रेन की ओर से भी युद्ध विराम लागू किया गया.
युद्ध विराम का उल्लंघन
हालांकि, राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का कहना है कि भले ही रूसी सेना ने ईस्टर के दौरान हवाई हमले करने से परहेज किया हो, लेकिन उसने ईस्टर युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन किया है. अब हमारे हमले रूसी हमलों से बचाव के लिए होंगे.
भारत पर तेल की कीमतों का असर
भारत अपनी 85 प्रतिशत से ज़्यादा कच्चे तेल की (Crude Oil Prices Details) ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर है. इसलिए, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत को (Crude Oil Prices Details) फ़ायदा होगा.
हालांकि, Crude Oil की कीमतों में 1-2 प्रतिशत की गिरावट का (Crude Oil Prices Details) सीधा असर पेट्रोल-डीज़ल की (Crude Oil Prices Details) कीमतों पर नहीं पड़ता है, क्योंकि भारत में (prices of petrol) ईंधन का भाव टैक्स, रिफ़ाइनरी की (Crude Oil Prices Details) लागत और सरकारी नीतियों पर भी निर्भर करती हैं.
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