चेन्नई. चेन्नई के तंजावुर में रहने वाली 72 साल की वृद्ध महिला ज्ञानज्योति को 10 साल तक एक मकान में कैदी की तरह जीवन जीती रहीं. उसके इस हालत का जिम्मेंदार कोई और नहीं बल्कि उसके खुद के ही दो बेटे हैं. एक बेटा रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर शनमुगसुंदरम और दूसरा छोटा भाई वेंकटेशन. दोनों ने मिलकर अपनी मां को 10 साल तक प्रताड़ित किया है.
मकान में कैद मां की मनोस्थिति जानिए
घर में मां को बंद करके दोनो बेटों ने ताला लगा दिया था. ये बात पड़ोसियों को काफी पहले से पता थी, लेकिन डर के कारण उन्होंने इस बात को दबाए रखा. मां के खाने पीने के लिए घर के बाहर अलार्म लगा रखा था. जब भी मां को भूख लगती थी, तो अलार्म बजा देती थी. बंद मकान में अलार्म की आवाज सूनकर पड़ोसी ही खाने के लिए बिस्कुट या फल डाल देते थे.
पेंशन की लालच में किया ऐसा हाल
पूलिस में मामला दर्ज होने के बाद खुलासे में ये बात सामने आई कि दोनों भाई मां को हर माह मिलने वाले पेंशन के लालच में उन्हें कैद करके रखा था. बता दें कि हर माह मां को 30,000 रुपए पेंशन मिलता था. जिसका उपयोग वो दोनों करते थे.
गुप्त तरीकें से पड़ोसियों ने दी सूचना
शुक्रवार को पड़ोस में से किसी व्यक्ति ने गुप्त तरीकें से समाज कल्याण विभाग में इसकी सूचना दी. जिसके बाद से बंद मकान से महिला को निकाला गया. दोनो बेंटो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. कलेक्टर दिनेश पोनराज ओलिवर ने बताया कि महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज चल रहा है. पड़ोसियों ने ही पुलिस को पूरी घटनाक्रम बताई.
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