मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण और बद्रीनाथ मास्टर प्लान के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों समेत जिलाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा सुगम और व्यवस्थित रूप से संचालित किए जाने के लिए केदारनाथ और बद्रीनाथ में यात्रा मार्ग और दर्शन में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं को पहचान कर निराकरण किया जाना आवश्यक है.

सीएस ने कहा कि चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान और वापसी तक का सुखद अनुभव लेकर जाना चाहिए. हमें इस स्तर की तैयारियां करनी हैं. श्रद्धालुओं को दर्शन टोकन देते समय मंदिर में अभी किस नंबर का दर्शन चल रहा है, इसकी जानकारी डिस्प्ले बोर्ड पर मिलनी चाहिए. इस बार चारधाम यात्रा के लिए इसकी अनिवार्य रूप से व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. टोकन लेते समय श्रद्धालु को दर्शन में लगने वाला सम्भावित समय भी बताया जाना चाहिए. उन्होंने चलने में अक्षम श्रद्धालुओं के लिए Wheelchairs, Golf Cart और All-Terrain Vehicles की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

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मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को आवश्यक और उपयुक्त जानकारी प्राप्त हो इसके लिए विभिन्न प्रकार की जानकारियों के लिए जगह-जगह Signage और QR code आधारित सूचना पटल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. प्रदेश के सभी पर्यटन स्थलों के लिए सर्टिफाइड गाइड व्यवस्था उपलब्ध कराई जानी चाहिए. उन्होंने गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए पर्यटन विभाग कार्ययोजना तैयार करे.

सीएस ने कहा कि केदारनाथ रोपवे संचालित होने के बाद केदारनाथ मंदिर परिसर, गौरीकुंड और सोनप्रयाग में श्रद्धालुओं का अत्यधिक दबाव बढ़ने की सम्भावना को देखते हुए अभी से तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं. उन्होंने इसके लिए केदारनाथ मंदिर परिसर क्षेत्र विस्तार और गौरीकुंड और सोनप्रयाग में पार्किंग समेत अन्य सुविधाओं के लिए क्षेत्र विस्तार की सम्भावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए.