रायपुर। गृह विभाग के प्रमुख सचिव के नेतृत्व में गठित जांच समिति ने सीएसईबी मुख्यालय में हुई आगजनी की घटना की जांच पूरी कर ली है. जांच समिति ने जांच का अंतरिम प्रतिवेदन मुख्य सचिव को सौंप दिया है. जांच समिति ने अपने प्रतिवेदन में आगजगी की घटना को संदिग्ध बताया है. अपने प्रतिवेदन में समिति ने कहा है कि एसएसपी रायपुर से पुलिस जांच की रिपोर्ट मिलने पर घटना को लेकर स्पष्ट अभिमत दिया जा सकेगा.

एफएसएल अधिकारी द्वारा घटना स्थल से प्राप्त बिजली के तार सहित जले हुए अवशेषों की भौतिक रासायनिक जांच के लिए रायपुर स्थित न्यायालयीक प्रयोगशाला भेजा गया है. इस रिपोर्ट के पश्चात ही जांच कमेटी किसी निर्णय पर पहुंचेगी कि 13 नवंबर को हुई आगजनी की घटना महज कोई दुर्घटना थी या फिर किसी बड़ी साजिश के तहत पूरी वारदात को अंजाम दिया गया है. लैब जांच के पश्चात इसकी रिपोर्ट एसएसपी के पास आएगी. जिसके बाद एसएसपी इस पर अपना अंतिम प्रतिवेदन जांच समिति को सौंपेंगे.

गृह विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू, एडीजी अशोक जुनेजा, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के एमडी अब्दुल केशर हक ने स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के अन्य तकनीकी शाखाओं के अधिकारियों की उपस्थिति में 10 दिसंबर को जांच की गई. घटना स्थल निरीक्षण के दौरान समिति के अधिकारीयों द्वारा स्थल का मुआयना एवं घटना में क्षतिग्रस्त हुए स्वीच बोर्ड, वायर, डिजिटल उपकरण, तथा कम्प्यूटर, फोटोकापी मशीन, ए.सी. लाईन एवं आगजनी में हुए क्षतिग्रस्त अन्य वस्तुओं तथा आगजनी में क्षतिग्रस्त बरांदा, दो कमरों एवं विद्युत नियंत्रण कक्ष का बारिकी से निरीक्षण किया.

जांच के पश्चात समिति ने निम्न बिन्दुओं पर कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिये

1) समिति ने एसएसपी को घटना स्थल और क्षतिग्रस्त सामग्री की जांच एफएसएल के विशेषज्ञों से बारिकी से कराने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिये.

2) संबंधित थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों द्वारा घटित घटना के समय उपस्थित, विद्युत मंडल कंपनी के सुरक्षा कर्मी एवं प्राईवेट सुरक्षा कर्मियों तथा अधिकारियों से भी सुक्ष्मता से पूछताछ की गई. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर से जॉच प्रतिवेदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है.

3)  घटना दिनांक 13.11.2019 को वहां किन-किन अधिकारियों द्वारा कितने वर्ष का आडिट कार्य संपादित किया जा रहा था एवं उक्त स्थल पर क्या-क्या सुरक्षा के उपाय किये गये थे तथा उक्त आडिट अवधि से संबंधित कौन-कौन सी नस्तियाँ कक्ष में रखी गयी थी.

4) इसके साथ ही घटना दिनांक को घटना स्थल पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के बनाए गए वीडियो और फोटो उपलब्ध कराने के लिए कहा गया.

रायपुर एसएसपी ने 17 जनवरी को 12 बिन्दुओं पर अपना प्रतिवेदन जांच समिति को सौंपा जिसमें उन्हें 3 जनवरी को एफएसएल की रिपोर्ट भी मौजूद थी. एसएसपी द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का समिति द्वारा अवलोकन किया गया जिसमें उन्होंने घटना को संदिग्ध माना है.

जांच समिति ने निम्न आधार पर आगजनी की घटना को संदिग्ध माना

1) एसएसपी रायपुर ने अपने पत्र में निरीक्षण के दौरान सभा कक्ष में कुल 04 स्वीच बोर्ड के स्थान पाये जाने, जिसमें स्वीच बोर्ड नहीं होने, उपरोक्त स्वीच बोर्ड के तार काटे जाने के साक्ष्य पाये जाने, फॉल सिलिंग के लटके हुए तार के सिरे काटने का साक्ष्य पाये जाने का उल्लेख किया है. उपरोक्त स्वीच बोर्ड के तार क्यों एवं किस लिये काटा गया ? संदिग्ध है.

2) एफएसएल के अधिकारी डॉ एसके वर्मा, द्वारा अपने रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि कक्ष क्रमांक 219 जहाँ पर अत्यधिक आगजनी का प्रभाव पाया गया हैं उस कक्ष के जले व अधजले सामानों को घटना स्थल से हटा दिये जाने के कारण आगजनी के संभावित कारणों का आंकलन किया जाना एवं आगजनी शुरू होने के मुख्य स्रोत के विषय में तथ्य स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. जांच समिति ने माना है कि आगजनी स्थल से जले एवं अधजले सामानों को हटाना संदिग्ध प्रतीत होता है ?

3) जांच रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि उपरोक्त दोनों बिन्दुओं के आधार पर स्पष्ट है कि घटना स्थल मूल रूप में नहीं है तथा घटना स्थल में छेडछाड़ किया गया है.

4) एफएसएल के अधिकारी डॉ एसके वर्मा ने अपनी रिपोर्ट दिनांक 03/01/2020 में कक्ष क्रमांक 219, कक्ष नं. 1 एवं कक्ष नं. 2 से बिजली के तार के कुछ भाग एवं पानी टंकी के नीचे से कक्ष क्रंमाक 219 के अधजले अवशेष को ज्वलनशील प्रदार्थ का भौतिक रासायनिक परीक्षण हेतु न्यायालयीक प्रयोगशाला, रायपुर को भेजे जाने हेतु निर्देशित किये जाने का उल्लेख किया गया है.

जांच समिति ने कहा है कि उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 01 से 3 अनुसार घटना असंदिग्ध होना प्रतीत नहीं होती है किन्तु बिन्दु क्रमांक 04 के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर से अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने पर स्पष्ट अभिमत दी जा सकेगी.