रायपुर. छत्तीसगढ़ के सामाजिक एवं आर्थिक विकास पर चिंतन करने के लिए सीएसआर और एनजीओ लीडर एक मंच पर राजधानी रायपुर में पहली बार इकट्ठा हो रहे हैं. अवसर होगा छत्तीसगढ़ सीएसआर लीडरशिप सम्मेलन का. जो 24 अगस्त को होटल बेबीलान इंटरनेशनल में सुबह 9 से शाम 5 बजे तक आयोजित होगा.

 

सम्मेलन में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी शामिल होंगे. सम्मेलन में चिंतन किया जाएगा कि छत्तीसगढ़ जैसे छोटे विकासशील राज्य बड़े कारपोरेट घरानों द्वारा खर्च किए जाने सीएसआर फंड को किस तर आकर्षित कर सकते हैं.

इसके आयोजक रूसेन कुमार ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य एक प्रभावी राज्य स्तरीय मंच तैयार करना है जहां पर सीएसआर और एनजीओ साथ-साथ हाथ मिलाकर सामाजिक विकास की गतिविधियों में तेजी लाकर उसे प्रभावी बना सकें. रूसेन कुमार ने कहा कि समावेशी विकास के लिए सिविल सोसाइटी, एनजीओ, सरकारी सिस्टम, नेतृतत्वकर्ताओं, राजनेताओं, नीति-निर्धारकों और कारपोरेट के मध्यम परस्पर साझेदारी सुनिश्चित करने होंगे. इस सभा में छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, नई दिल्ली स्थित संस्थाओं के200 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. विज्ञान शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए करने के लिए वाली अग्रणी संस्था स्टेम लर्निंग सम्मेलन का मुख्य प्रायोजक संस्था है.

क्या है सीएसआर कानून

सीएसआर कानून 1 अप्रैल 2014, के अनुसार हर कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड या पब्लिक लिमिटेड, जिन्होंने 500 करोड़ रुपये का शुद्ध मूल्य या 1,000 करोड़ रुपये या 5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ का कारोबार किया है, उन्हें तीन वित्तीय वर्षों के लिए, तुरंत अपने औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2 प्रतिशत, नीति बनाकर कॉर्पोरेट सामाजिक गतिविधियों पर खर्च करना है. सीएसआर की राशि से पिछड़े इलाकों के विकास और कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए योजना बनाकर कार्य करना है.