एग्री डेस्क. बारिश एक ऐसा मौसम है, जिसमें पानी की कमी नहीं होती और भरपूर मात्रा में खेतों में पानी की पूर्ति हो जाती है. इस मौसम में कुछ ऐसी सब्जियां हैं, जिन पर आप कम मेहनत के भी अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं. बस कुछ बातों का आपको ध्यान रखना होगा, जिससे फसल खराब न हो. इसे भी पढ़ें : जगदलपुर में दोहरे मर्डर पर गरमाई सियासत, पीसीसी चीफ बैज का सरकार से सवाल – यह सुशासन है, या जंगल राज?

बारिश के मौसम में मिर्च और धनिए की खेती कर सकते हैं. मानसून के टाइम पर ये फसलें बहुत तेजी से बढ़ती है, साथ ही इन्हें ज्यादा देखरेख भी जरूरत नहीं होती है. इन दोनों ही फसलों को बलुई दोमट या फिर लाल मिट्टी की जरूरत होती है. इसके अलावा बारिश के सीजन में खीरा और मूली की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन दोनों फसलों को लगाने के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं पड़ती है. दोनों फसलें महज तीन से चार सप्ताह में तैयार हो जाती हैं और अच्छा खासा मुनाफा दे जाती हैं.

बैंगन और टमाटर की खेती साल के किसी भी मौसम में की जा सकती है. सर्दियों में भी इनकी खेती की जा सकती है. बरसात के मौसम में भी इनकी बुवाई कर बंपर उत्पादन हासिल किया जा सकता है. बीन्स की खेती के लिए जुलाई व अगस्त का महीना सबसे अच्छा होता है. ये दोनों पौधे बेलदार होते हैं, इसलिए इन्हें किसी पेड़ या दीवार के सहारे लगाना चाहिए. बारिश के मौसम में इनके फल अच्छे से विकसित होते हैं. इनके अलावा पालक और तोरई ऐसी सब्जियां हैं जिनकी खेती बारिश के मौसम में आसानी से और कम लागत में की जा सकती है. दोनों ही फसलों के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है.

इन बातों का रखें ध्यान

  • अगर बारिश से आपके पौधों को स्वस्थ और तंदुरूस्त रखना चाहते हों तो पहले फसल में प्लास्टिक मल्चिंग करना बहुत ही जरुरी रहता है.
  • बारिश के मौसम में खेती से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को खेत में बारिश के जलभराव को रोकना बेहद जरूरी होता है. इसके बचाव के लिए खेत के बीच में गहरी नालियां बनाएं. ताकि बारिश का पानी खेत से बाहर निकल जाए.
  • मानसून के समय कृषि विशेषज्ञ फसलों की नर्सरी के लिए जरूरी सलाह भी जारी करते रहते हैं. जिससे आप अपनी फसल को भी बचा सकते हैं.
  • फल और सब्जियों की फसल को हमेशा मौसम के अनुसार ही बोएं. जिन फसलों को अधिक पानी की जरूरत होती है. उन्हें मानसून के मौसम में लगाएं.
  • समय-समय पर फसलों पर जैविक कीटनाशक का छिडक़ाव जरूर करें. किसानों को विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक इस समय रसायनिक कीटनाशक और फफूंदीनाशक का उपयोग करें.