कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग लगातार उठ रही है. संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने शराबबंदी पर कहा कि मेरा मानना है कि शराबबंदी व्यक्ति का भीतरी संकल्प होना चाहिए, जो नहीं पीता उसको कोई भी पिला नहीं सकता है. हमें जन जागरण करना चाहिए. शराब की बुराइयों से नागरिकों को परिचित कराना चाहिए. उन्हें स्वविवेक से नशे से दूर रहने के लिए दृढ़ करना चाहिए. लोगों को नशे से दूर रखने का शराबबंदी विकल्प नहीं है.

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संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि जिन प्रदेशों में शराबबंदी है. हम सब देखते हैं, वहां ज्यादा कालाबाजारी और ज्यादा बेईमानी होती है. मैं भी हर व्यक्ति को शराबबंदी के लिए प्रेरित  करती हूं. ताकि लोग शराब छोड़ें. हम यही चाहते हैं कि संपूर्ण समाज नशा मुक्त हो. सभी शराब छोड़ दे. बस प्रार्थना इतनी है कि लोग नशा मुक्त हो जाए. उन्होंने कहा कि लोगों को मैं प्रतिज्ञा कराती हूं. राधा स्वामी सत्संग भी है. लोग आध्यात्म की ओर जुड़ते हैं, तो वैसे भी शराब की दूर रहते है. हम चाहते हैं कि लोग शराब से दूर रहें. लोग नशा मुक्त रहें.

MP में शराबबंदी की आवाज तेजः कल उमा भारती ने जिस शराब दुकान में फेंका था पत्थर, आज उसी दुकान के सामने महिलाओं ने किया प्रदर्शन

मंत्री उषा ठाकुर के बयान को मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का भी समर्थन मिला है. उन्होंने शराबबंदी की बात को सही मानते हुए कहा है कि निश्चित रूप से मैं यह प्रार्थना कर रहा हूं. लोग नशीले पदार्थों का सेवन ना करें. क्योंकि यह उनकी और उनकी आने वाली पीढ़ी के हित में है.

बता दें कि मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार आवाज उठा रही है. राजधानी भोपाल की एक शराब दुकान में घुसकर पत्थर फेंका था. समर्थकों के साथ बीएचईएल इलाके के आजाद नगर की शराब दुकान पहुंचकर उमा भारती ने तोड़फोड़ की थी. जिसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था.

ये पहला पत्थर है आखिरी नहीं: पूर्व CM उमा भारती बोलीं- शराबबंदी पर जनप्रतिनिधियों ने जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो होगा बड़ा आंदोलन

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा था कि जनप्रतिनिधि कृपया अपनी जिम्मेदारी निभाए, नहीं तो शराब का विरोध बड़े जनआंदोलन का रूप ले लेगा. ये पत्थर एक चेतावनी है. लाइन आर्डर बनाने वाला कोई व्यक्ति अगर हाथ में पत्थर उठा ले. तो यह एक सिंगल है. पहला है आखिरी नहीं. वो पहला है और अगर उसको आखिरी जो उठाया गया है. वह प्रतीक है. पहला है आखिरी नहीं है. अगर उसे आखिरी बनाना है, तो जनप्रतिनिधियों को बहुत अच्छा काम करना होगा.

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