रायपुर. भारतीय विपणन विकास केंद्र के माध्यम से साइंस काॅलेज मैदान में संचालित किए जा रहे सात दिवसीय स्वदेशी मेला के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है. शाम होते ही बड़ी संख्या में उमड़ते दर्शकों के हुजूम से स्वेदशी के प्रति शहरवासियों का लगाव देखते ही बनता है. मंगलवार को राजस्थान के खूबसूरत रंगों से सजा रंगीलो राजस्थान की थीम पर लोककला और संस्कृति मानो स्वदेशी मेले में जीवंत हो उठी. सजे-धजे ऊंट, पांरपरिक वेशभूषा से शोभित महिलाएं, मंच पर थिरकती, छटा बिखेरती राजस्थानी कला और लज़ीज व्यंजन ने पूरे माहौल को राजस्थानमय बना दिया, वहीं दिन में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में धरती को कैनवास बना विविध रंगों से अपनी कल्पनाशीलता को खूबसूरत जामा पहनाया गया.

23 से 29 दिसंबर तक आयोजित होने वाले स्वदेशी मेला जैसे-जैसे अपने समापन की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसकी लोकप्रियता और लोगों का इसके प्रति रूझान भी बढ़ रहा है. दोपहर में मेला प्रांगण में रंगोली प्रतियोगिता दो वर्गों में प्रथम वर्ग 12 से 17 वर्ष और द्वितीय 17 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए आयोजित की गई. संस्कृति और लोककला की झलक बिखेरती हुई पारंपरिक रंगोली और मुक्तहस्त रंगोली की थीम पर आयोजित इस प्रतियोगिता में 67 लोगों ने भाग लिया. इस प्रतियोगिता की प्रभारी नेहा ठाकुर, मालती माहुले, नीता तनखीवाले, उषा पवार, रश्मि सोलंकी, सुदक्षणा शेंडे, ज्योति देवांगन और पूर्णिमा साहू थीं. इस प्रतियोगिता के निर्णायकगण शिरीन जोशी, शेखर क्षीरसागर, भोजराज धनगर थे.

प्रतियोगिता में पारंपरिक वर्ग अ प्रथम निशु सिंह, द्वितीय आयुष सिंह, तृतीय आषना खान,

पारंपरिक वर्ग ब प्रथम आशुतोष तिवारी द्वितीय देवरानी भोगल तृतीय उर्मिला राव,

मुक्तहस्त वर्ग अ प्रथम के. नंदिनी द्वितीय जिज्ञासा साहू तृतीय चेतना ठाकुर,

मुक्तहस्त वर्ग ब प्रथम गगन यदुवंशी द्वितीय सुशील कुमार कौर तृतीय संतोष कुमार यादव,

सांत्वना- विदुषी नायक, मित्ती चिंदा लोहे को पुरस्कृत किया गया.

शाम होते ही नर्तकों के दल से मंच निखर उठा. विद्यालयीन स्तर के कक्षा 9 से 12वीं तक और काॅलेज के युवा छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति और भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत ग्रुप डांस की मनोहारी प्रस्तुति दी. साथ ही दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी. इस प्रतियोगिता की प्रभारी सुनीता चंसोरिया, अमरजीत सिंह छाबड़ा, तृष्णा साहू, चितरंजन ठाकुर, नेहा ठाकुर, बिट्टू शर्मा और कामाख्या मिसार थीं.

रंगीलो-छबीलो राजस्थान

सामाजिक समागम के तहत रंगीलो राजस्थान की अविस्मरणीय छटा बिखेरी गई, जिसने दर्शकों को विस्मृत कर दिया और खूब वाहवाही पाई. विख्यात राजस्थानी लोककलाकार सरोज नथमल द्वारा सिर पर कलश लिए घूमर नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई. धरती धोरावी म्हारो देश मारवाड़…, कालबेलिया सांग एवं केसरिया बालम…, चम-चम के चांदनी.., म्हारी चूनर.. जैसे गीतों की रिमक्स पर डांस की बढ़िया प्रस्तुति दी गई. इस कार्यक्रम की प्रभारी अर्चना वोरा ने बताया कि मेले की सभी महिला कार्यकताओं की टीम के लिए विशेष मारवाड़ी परिधान की थीम रखी गई थी, जिसमें लुक छुप ना जाओ..सॉन्ग पर मंच पर एक साथ नृत्य भी पेश किया गया. वहीं राजस्थानी लज़ीज व्यंजनों के खासतौर पर बनाए स्टाॅल में राब, बाजरा का खिचड़ा, सिलेवड़ा, घेवर, केसर जलेबी, मिर्ची बड़ा, मूंग बड़ा जैसे स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए, जिसकी प्रभारी अन्नू ओझा, प्रेमा व्यास, मेघा शुक्ला, राजेश्वरी व्यास, महिमा व्यास थीं. बुधवार को दोपहर में मेहंदी प्रतियोगिता दो वर्गों में होगी, वहीं सामाजिक समागम के तहत महाराष्ट्र उत्सव मनाया जाएगा.

मेले में मेला संयोजक अमर बंसल, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, मोहन पवार, शीला शर्मा, अमरजीत सिंह छाबड़ा, शताब्दी पांडेय, सुब्रत चाकी, जगदीश पटेल, उमेश पटेल, सुचित्रा चित्तावार, सुलोचना बंका, सुनीता पाठक, सीमा कंधार, नैना चौबे, लक्ष्मी जिल्हारे, हर्षिता लांजेवार, अंकिता वर्धन, सीमा शर्मा, अर्चना वोरा, इंदिरा जैन, तृप्ति चौहान, चितरंजन ठाकुर, रेहाना खान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता दिन रात व्यवस्थाओं के संचालन में जुटे हुए हैं.