Curis Lifesciences IPO Listing: 14 नवंबर की सुबह, NSE SME प्लेटफॉर्म पर एक ऐसी एंट्री दर्ज हुई जिसने फार्मा सेक्टर में नई चर्चा छेड़ दी. Curis Lifesciences एक अपेक्षाकृत नया लेकिन तेजी से उभरता नाम लिस्टिंग के दिन ही उम्मीद से ज्यादा मजबूत प्रदर्शन कर गया. IPO प्राइस ₹128 था, लेकिन लिस्टिंग ₹146.10 पर हुई. यानी 14% प्रीमियम, जो यह संकेत देता है कि बाजार ने इस कंपनी पर शुरुआत से ही भरोसा दिखाया.
लेकिन इस शानदार शुरुआत की वजह सिर्फ लिस्टिंग प्राइस नहीं थी, बल्कि निवेशकों का अभूतपूर्व उत्साह भी रहा. कंपनी का ₹27.52 करोड़ का पब्लिक इश्यू 74.39 गुना सब्सक्राइब हुआ. सब्सक्रिप्शन के आंकड़े इतने दमदार रहे कि कई बड़े IPO भी इसके सामने फीके पड़ जाएं.
QIB: 96.17 गुना
NII: 115.46 गुना
Retail: 44.28 गुना
ये आंकड़े साफ बताते हैं कि Curis Lifesciences ने उस समय भी निवेशकों को आकर्षित किया, जब SME लिस्टिंग्स में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
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IPO की संरचना: क्या-क्या जारी हुआ (Curis Lifesciences IPO Listing)
कंपनी ने 22 लाख नए शेयर जारी किए, जिनसे कुल ₹27.52 करोड़ जुटाए गए. IPO से पहले ही कंपनी ने एंकर इनवेस्टर्स से ₹7.80 करोड़ जुटा लिए थे. यह इस बात का संकेत था कि बड़े निवेशक पहले ही इस बिजनेस मॉडल पर भरोसा जता चुके थे.
लिस्टिंग के बाद कंपनी की मार्केट वैल्यू ₹115.97 करोड़ पर पहुंच गई.
शेयर की फेस वैल्यू: ₹10 प्रति शेयर.
Curis Lifesciences के प्रमोटरों में शामिल हैं:
धर्मेश दशरथभाई पटेल
सिद्धांत जयंतीभाई पवसिया
पीयूष गोवर्धनभाई अंताला
जैमिक मनसुखभाई पटेल
चारों प्रमोटरों की मजबूत तकनीकी पकड़ और इंडस्ट्री अनुभव कंपनी की बुनियाद को स्थिर बनाता है.
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कंपनी की ताकत: ग्रोथ के आंकड़े बताते हैं पूरी कहानी
Curis Lifesciences फार्मा सेक्टर की उन कंपनियों में शामिल है, जिनकी वित्तीय स्थिति लगातार बेहतर होती दिख रही है.
वित्त वर्ष 2025 (FY25)
रेवेन्यू: 38% की वृद्धि के साथ ₹49.65 करोड़
शुद्ध मुनाफा: 25% बढ़कर ₹6.11 करोड़
EBITDA: ₹9.54 करोड़
ये आंकड़े बताते हैं कि कंपनी का बिजनेस मॉडल स्थिर भी है और स्केलेबल भी.
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अप्रैल–जुलाई 2025 (FY26 के शुरुआती चार महीने)
रेवेन्यू: ₹19.51 करोड़
शुद्ध मुनाफा: ₹2.87 करोड़
EBITDA: ₹4.24 करोड़
सिर्फ चार महीनों में यह प्रदर्शन उस समय आया है जब फार्मा सेक्टर ग्लोबल मांग और सप्लाई के दबाव में काम कर रहा है. यह कंपनी की ऑपरेशनल क्षमता को मजबूत साबित करता है.
उधारी का बोझ: समझने लायक पहलू (Curis Lifesciences IPO Listing)
कंपनी पर ₹15.32 करोड़ का कर्ज मौजूद है. यह बहुत बड़ा स्तर नहीं है, लेकिन SME कंपनियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण फैक्टर माना जाता है. अच्छी बात यह है कि
- EBITDA में तेजी
- बढ़ते मार्जिन
- और लगातार बढ़ता रेवेन्यू
कंपनी की कर्ज संभालने की मजबूत क्षमता दिखाते हैं. निवेशक इसलिए भी आश्वस्त नजर आए क्योंकि कंपनी की वित्तीय रफ्तार उसके कर्ज को धीरे-धीरे कम करने की दिशा में बढ़ रही है.
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लिस्टिंग डे की सबसे बड़ी सीख: बाजार का भरोसा मिल चुका है
SME मार्केट में कई उदाहरण हैं जहां कंपनियां IPO के बाद तुरंत गिरावट दिखाती हैं. लेकिन Curis Lifesciences ने शुरुआत में ही बता दिया कि यह कंपनी जल्दबाजी में लाया गया IPO नहीं है, बल्कि एक मजबूत वित्तीय और व्यवसायिक आधार पर खड़ी है.
निवेशकों ने सब्सक्रिप्शन के दौरान भरोसा दिखाया और बाजार ने लिस्टिंग के दिन इसे पूरा किया.
नतीजा: यह तो सिर्फ शुरुआत है (Curis Lifesciences IPO Listing)
Curis Lifesciences ने पहले ही दिन साफ कर दिया कि उसका सफर केवल लिस्टिंग डे तक सीमित नहीं है.
- मजबूत मुनाफा
- बढ़ता रेवेन्यू
- स्थिर EBITDA
- भारी सब्सक्रिप्शन
ये सभी संकेत बताते हैं कि कंपनी आने वाले समय में SME फार्मा सेक्टर में अपनी मजबूत मौजूदगी बना सकती है. हालांकि कर्ज और ऑपरेशनल विस्तार उसके सामने चुनौतियां होंगी, लेकिन फिलहाल Curis Lifesciences की लिस्टिंग बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है, और यह सिर्फ शुरुआत है.
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