नई दिल्ली। कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय महाअधिवेशन छत्तीसगढ़ के रायपुर में होने जा रहा है. इस राष्ट्रीय महाअधिवेशन का महत्व इसलिए बढ़ गया है, क्योंकि कयास लगाए जा रहे हैं कि 1997 के बाद सीडब्ल्यूसी के चुनाव हो सकते हैं. इस चुनाव को लेकर पार्टी में सुगबुगाहट भी तेज हो गई है. वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि पार्टी के रणनीतिकार संविधान संशोधन के जरिए पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को आजीवन कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य बनाए रखने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं.

कांग्रेस संविधान के तहत सीडब्ल्यूसी में कार्यसमिति के अध्यक्ष, संसदीय दल के नेता समेत कुल 25 सदस्य हो सकते हैं. सीडब्ल्यूसी में कार्यसमिति के अध्यक्ष और संसदीय दल के नेता को छोड़कर 23 नेता होते हैं, जिसमें 12 एआईसीसी द्वारा चुने जाते हैं और 11 पार्टी अध्यक्ष द्वारा नामित किए जाते हैं.

वैसे राहुल गांधी हमेशा से मनोनीत सदस्य बनाए जाने के खिलाफ रहे हैं. अब पार्टी की ओर से संविधान संशोधन समिति के सामने एक प्रस्ताव आया है कि शीर्ष पदों पर रह चुके राहुल गांधी और मनमोहन सिंह जैसे नेताओं को पदेन सदस्य माना जाए. यानी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व पीएम को चुनाव नहीं लड़ना होता है और वे CWC के सदस्य बन जाते हैं. प्रस्ताव स्वीकृत होगा या नहीं, यह रायपुर के सत्र में तय होगा.

प्रियंका गांधी लड़ सकती हैं चुनाव

वहीं बताया जा रहा है कि CWC चुनाव होने की सूरत में गांधी परिवार से प्रियंका गांधी लड़ सकती हैं. इसके अलावा दिग्गज नेताओं में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कमलनाथ, जयराम रमेश, तारिक अनवर, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, मीरा सिंह, पवन बंसल, सिद्धारमैया, रमेश चेनिन्थेला, ओमन चांडी, मणिशंकर अय्यर, सलमान खुर्शीद, कुमारी शैलजा जैसे नेता हैं.

साथ ही जी-23 गुट से देखें तो शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण जैसे नेता हैं. इसके अलावा सचिन पायलट, दीपेंद्र हुड्डा, जितेंद्र सिंह, रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे नेता भी हैं.

ऐसे में देखना है कि पार्टी के किन नेताओं की किस्मत बुलंद होती है. पार्टी संविधान के अनुसार, संसदीय दल की अध्यक्ष होने के नाते सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मिलिकार्जुन खड़गे स्वचालित रूप से सीडब्ल्यूसी में शामिल हैं.

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