नई दिल्ली। देश के पश्चिमी इलाकों में ‘तौकते’ का खतरा टलने के बाद पूर्व से एक नया खतरा दस्तक दे रहा है. बंगाल की खाड़ी में एक नए तूफान को लेकर चेतावनी दी गई है. इस तूफान का नाम यास है, जिसके निशाने पर खासतौर पर ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं. भारत मौसम विभाग ने इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी है. मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटे में हवा का कम दबाव बनने की आशंका है.

चक्रवात ‘यास’ की एंट्री

भारत मौसम विभाग ने कहाकि यास चक्रवात का रूप ले सकता है. इस सूचना के बाद पश्चिम बंगाल और ओडिशा के वरिष्ठ अधिकारियों ने जिला प्रशासन के साथ बैठकें शुरू कर दी है. तैयारियों के बारे में आवश्यक निर्देश दे रहे हैं.

अंडमान सागर के ऊपर बन रहा दबाव

भारतीय मौसम विभाग IMD के अधिकारियों ने बताया कि हवा का कम दबाव उत्तरी अंडमान सागर में बन रहा है. 22 मई को यह दबाव तेजी से बढ़ना शुरू होगा. 26 मई की शाम तक या तो यह बंगाल की खाड़ी से टकराएगा या ओडिशा के तट से. अगर यह चक्रवात वास्तव में बनता है, तो इस साल बंगाल की खाड़ी से टकराने वाला यह दूसरा चक्रवात होगा.

पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा खतरा 
पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में 25 मई से हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है. इसके बाद बारिश तेज होगी और दक्षिण बंगाल के जिलों में बारिश में तेजी आ सकती है. वहीं अंडमान में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जो बंगाल खाड़ी तक पहुंचने तक 70 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती हैं.

मछुआरों को चेतावनी 
तूफान के खतरे को देखते हुए मछुआरों को भी चेतावनी जारी कर दी गई है. तमाम मछुआरों से समुद्र में ना जाने और किनारे पर रहने के लिए कहा जा रहा है. इससे पहले पश्चिम बंगाल ने अम्फान तूफान से भारी तबाही का मंजर देख रखा है. उस एक तूफान की वजह से कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी और करोड़ों का नुकसान हुआ था.

चक्रवात का किसने नाम दिया
‘यास’ तूफान का नामकरण इस बार ओमान देश ने किया है. दुनिया में आने वाले तूफानों के नामकरण की परंपरा चलती आ रही है. ‘यास’ का मतलब होता है निराशा. मौसम विभाग ‘यास’ तूफान की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने निम्न दबाव प्रणाली तेज होने के संकेत भी दिए.

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