सत्या राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ में 57,000 शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर बेरोजगार युवा अनोखा प्रदर्शन करने जा रहे हैं. एक अनोखा और व्यंग्यात्मक नाटक रचा जा रहा है, जिसका मंचन सभी डीएड-बीएड डिग्रीधारी मिलकर करेंगे. यह न कोई साधारण प्रदर्शन रहेगा, न ही कोई सड़क नाटक, बल्कि यह 57,000 शिक्षक भर्ती के विवाह का भव्य आयोजन है, जिसमें छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवा अपनी मांगों को वैवाहिक परंपराओं के रंग में रंगकर सरकार और समाज का ध्यान खींच रहे हैं.

निमंत्रण पत्र की कहानी

रायपुर की गलियों और सोशल मीडिया में एक अनोखा निमंत्रण पत्र बंट रहा है. जिसे पढ़कर लोग हंसते भी हैं और सोच में पड़ जाते हैं.

निमंत्रण पत्र में लिखा है –

विवाह का शुभ निमंत्रण
सुपुत्र- श्री गरीब मध्यम परिवार
सुपुत्री- श्रीमती डीएड एवं बीएड कॉलेज
सुपौत्र- घर, परिवार, समाज और राज्य का भविष्य
पता- भारत का 26वां राज्य, छत्तीसगढ़

सौं. कां. 57,000 शिक्षक भर्ती
सुपुत्र- श्री छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार
सुपुत्री-श्रीमती विधानसभा घोषणा पत्र
सुपौत्र-माननीय प्रधानमंत्री
पता-प्रदेश भाजपा कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़

वैवाहिक रस्में और व्यंग्य

इस अनोखे प्रदर्शन में शिक्षक भर्ती की मांग को वैवाहिक रस्मों के रूप में पेश किया गया है, जिसमें हर रस्म एक तीखा व्यंग्य है.

माटीपूजा चुलमाटी

यह रस्म 57,000 शिक्षक भर्ती के वादे को दर्शाती है, जिसे 2025 तक पूरा होने का दावा किया गया था, लेकिन बेरोजगार युवा कहते हैं कि दो साल होने वाला है. माटीपूजा तो हुई, पर चूल्हा अभी तक ठंडा है.

देव पूजा देवतला

33,000 शिक्षक भर्ती का वादा 2024 तक पूरा होने का था, लेकिन युवा तंज कसते हैं, देवतला में पूजा तो हो रही है, पर भर्ती के भगवान कब दर्शन देंगे?

चिकट हरदाही

यह रस्म सरकार की जुमलेबाजी को उजागर करती है. चार इंजन वाली सरकार ने चरणबद्ध तरीके से 2028 तक भर्ती का सपना दिखाया, लेकिन युवा कहते हैं कि हरदाही की मिठास तो बस जुबान पर है, हकीकत में कड़वाहट ही बची है.

पाणिग्रहण और टिकावन

भर्ती की प्रक्रिया को भाजपा सरकार की नियत और वित्त मंत्री की अनुमति पर टिका हुआ बताया गया है. बेरोजगार युवा व्यंग्य करते हैं. पाणिग्रहण की बात तो छोड़िए. टिकावन का टिकट भी नहीं मिल रहा.

बारात प्रस्थान

बारात समस्त डीएड-बीएड डिग्रीधारियों के घर से शुरू होकर प्रदेश भाजपा कार्यालय तक जाएगी. युवा कहते हैं हम बाराती बनकर जा रहे हैं पर दूल्हा भर्ती कब आएगा ये तो सरकार ही जाने.

प्रदर्शन का अनोखा अंदाज

वैवाहिक परंपराओं के प्रतीकात्मक प्रदर्शन के साथ प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने सरकार की उदासीनता पर तंज कसा है. निमंत्रण पत्र बांटे गए हैं, जिसमें दर्शनाभिलाषी के रूप में समस्त प्रादेशिक और राष्ट्रीय मीडिया को आमंत्रित किया गया है. यह प्रदर्शन न केवल सरकार के वादों की याद दिलाता है बल्कि छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं की निराशा और आक्रोश को भी दर्शाता है.

व्यंग्य में छिपा दर्द

छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित शिक्षक संघ के बैनर तले यह अनोखा प्रदर्शन एक तीखा व्यंग्य है, जो सरकार के 57,000 और 33,000 शिक्षक भर्ती के वादों को उजागर करता है. युवा कहते हैं हमने डीएड और बीएड की डिग्री ली. शिक्षक पात्रता परीक्षा पास किया, लेकिन नौकरी का सपना अब भी अधूरा है. युवा हेमंत कुमार साहू ने कहा, हमारी बारात तैयार है लेकिन दूल्हा भर्ती गायब है. सरकार ने वादा किया था लेकिन अब लगता है कि यह एक और जुमला है. एक के बाद एक घोषणा जरूर किया गया है. उसमें अमल नहीं हुआ है.

राजनीतिक नजरिया

पूर्व शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेम साय सिंह टेकाम ने इसके लिए जिम्मेदार प्रदेश सरकार को बताते हुए कहा, प्रदेश के बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी की गारंटी को गारंटी का गारंटी बताया गया. भर्ती का वादा किया गया. विधानसभा में घोषणा की गई लेकिन भर्ती का कोई पता नहीं है.

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा, अभ्यर्थियों को साय सरकार पर भरोसा रखना चाहिए. जिस तरीके से मोदी की गारंटियों को एक एक करके पूरी की जा रही है. शिक्षक भर्ती का वादा उसी तरीके से जल्द पूरा किया जाएगा. अभ्यर्थियों को किसी भी आंदोलन का मजाक नहीं बनाना चाहिए. इंतजार करें, भरोसा रखें.

समापन-एक उम्मीद की किरण

यह अनोखा प्रदर्शन न केवल सरकार पर दबाव बनाने का एक रचनात्मक तरीका है, बल्कि समाज को यह भी बताता है कि बेरोजगारी का दर्द कितना गहरा है. छत्तीसगढ़ के युवा अब चुप नहीं बैठेंगे. वे अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं और यह विवाह तब तक अधूरा रहेगा, जब तक 57,000 शिक्षक भर्ती का वादा पूरा नहीं होता.