मनीषा त्रिपाठी, भोपाल. मध्य प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को 4 परसेंट बड़े हुए महंगाई भत्ते के लिए करना इंतजार होगा. आचार संहिता के चलते प्रदेश सरकार ने धनतेरस के दिन चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजा था. चुनाव आयोग ने पुराना प्रस्ताव खारिज कर दिया है. ऐसे में वित्त विबाग अब मतगणना के एक हफ्ते पहले दोबारा डीए बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को भेजेगा. आयोग की मंजूरी के बाद ही राज्य सेवा के कर्मचारियों केंद्र के बराबर डीए मिल सकेगा.
दरअसल, विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले दीवाली के मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि दीपावली के शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश के शासकीय सेवकों और पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग को प्रेषित कर दिया गया है. इससे राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के बराबर हो जाएगा. राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सदैव प्रतिबद्ध है.
चुनाव आयोग ने 17 नवंबर को मतदान के चलते राज्य सरकार के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान नहीं की थी और कहा था कि यह ऐसा विषय नहीं है कि जिस पर तत्काल अनुमति आवश्यक हो, इसलिए मतदान के बाद इस संबंध में मार्गदर्शन दिया जाएगा यानि चुनाव आयोग ने मतदान के दिन तक भत्ते के भुगतान पर अस्थायी रोक लगाई थी. वहीं कर्मचारियों को डीए को लेकर इंतजार करना पड़ रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ने लगी है. कर्मचारियों का कहना है कि वोटिंग होने के इतने दिन बाद भी अबतक राज्य सरकार द्वारा डीए के संबंध में कोई पहल नहीं की गई है.
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