Daan Karne ke Niyam: सनातन धर्म में कोई भी व्रत, त्यौहार तब तक पूर्ण नहीं माना जाता. जब तक उसके समापन या उसके रहते हुए दान ना किया जाए. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को दूसरों की मदद करने में बहुत खुशी होती है और वे उनके जीवन को खुशियों से भर देते हैं.

हालाँकि, साल में पाँच दिन ऐसे होते हैं जब आपको दान नहीं करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि अगर इस नियम का पालन नहीं किया गया तो न सिर्फ मानसिक बल्कि आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं किस दिन दान न करें.

इनमें सबसे पहले दिवाली, धनतेरस, गुरुवार, पंचक, किसी की मृत्यु के 13 दिन बाद. (Daan Karne ke Niyam)

इन दिनों में दान करने से परिवार गरीबी और कर्ज के जोखिम में पड़ सकता है. दान के संबंध में कुछ और नियम निम्नलिखित हैं. (Daan Karne ke Niyam)

  • सूर्यास्त के बाद दान नहीं करना चाहिए.
  • सूर्यास्त के बाद तुलसी दान नहीं करना चाहिए.
  • सूर्यास्त के बाद दूध और दही का भी दान नहीं करना चाहिए.
  • सूर्यास्त के बाद लहसुन और प्याज का दान नहीं करना चाहिए.
  • पंचक में लोहे का दान नहीं करना चाहिए.
  • मकर संक्रांति के दिन नुकीली वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए.
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपनी कंघी किसी को नहीं देनी चाहिए.
  • किसी भी व्यक्ति को अपनी कलम का दान नहीं करना चाहिए.
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्टील या प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए.
  • किसी को भी जंक फूड या बासी खाना नहीं देना चाहिए.