मानवाधिकार आयोग सहित आला अधिकारियों से हुई शिकायत

रमेश सिन्हा, पिथौरा(महासमुंद)।
विकासखंड अंतर्गत ग्राम पड़कीपाली के 3 आदिवासी परिवार विगत 2 वर्षों से ग्रामीण बहिष्कार का दंश झेलने मजबूर हैं। आदिवासी शौकीलाल लखेराम तथा सुकलाल ने शिकायत किया है कि उसके चाचा भीमसेन से उसका भूमि संबंधित मामला जिला न्यायालय में लंबित है। उसका चाचा केश हार गया था तो उसने ग्राम पड़कीपाली के दबंग मुखिया त्रिलोचन, मणिधर व रोहित से मिलीभगत व सांठगांठ करते हुए उनके परिवार को ग्राम से बहिष्कार करा दिये। दबंगों के द्वारा किए गए ऐलान के अनुसार आदिवासी परिवार से कोई भी बातचीत नहीं करता है। और उन्हें कोई भी रोजी मजदूरी के लिए नही बुलाता है। उनके घर कोई आना जाना नहीं कर रहे हैं।

दुकान वाले उन्हें घरेलू आवश्यकता के सामान नहीं देते है। यहां तक की नाई-धोबी की भी मनाही कर दी गई है। दबंगों ने यह भी ऐलान किया है कि अगर आदिवासी परिवार से कोई संबंध रखेगा तो उसे 5000 के अर्थदण्ड से दंडित किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति उन परिवार से बातचीत करते हुए किसी को देख लेता और उसकी सूचना देता है तो उसे 1000 इनाम देने की भी घोषणा की गई है। पीड़ित आदिवासियों ने बताया कि दबंगों के द्वारा किए गए उपरोक्त ऐलान के बाद उनका गांव में जीना मुश्किल हो गया है। गांव समाज में होते हुए भी एकाकी जीवन जीने के लिए मजबूर हो गए हैं। नाई की व्यवस्था के लिए उन्हें 3 किलोमीटर दूर ग्राम डोंगरीपाली तथा धोबी की व्यवस्था के लिए रिखादादर व घरेलू आवश्यक सामानों के लिए उन्हें दुरस्थ ग्रामों में जाना पड़ रहा है। पीड़ित आदिवासियों ने शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए यह निवेदन किया है कि उन्हें प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ में कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जावे साथ ही उन्हें न्याय दिलाने जावें।