शब्बीर अहमद, भोपाल। खबर राजधानी भोपाल से आई है। राजनीति गलियारे की बड़ी खबर है। ‘राजा’ के गढ़ मे ‘महाराज’ ने बड़ी सेंधमारी की है। ज्योतिरादित्य सिंधिया (महाराज) ने दिग्विजय सिंह (राजा) को बड़ा झटका दे सकते हैं। राघोगढ़ के पूर्व कांग्रेस विधायक मूल सिंह दादाभाई के बेटे भाजपा का हाथ थाम सकते हैं। जी हां…. दादा भाई के बेटे हीरेन्द्र सिंह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया राघोगढ़ पहुंचकर हीरेन्द्र सिंह को बीजेपी (BJP) की सदस्यता दिलाएंगे। शनिवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया का राघोगढ़ मे बड़ा कार्यक्रम है। कार्यक्रम में हीरेन्द्र सिंह बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। अगर एेसा होता हैतो यह दिग्विजय सिंह और कांग्रेस (Congress) के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा क्योंकि हीरेन्द्र सिंह के परिवार का राघोगढ़ सीट पर अच्छा प्रभाव है। मूल सिंह दादभाई कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। हार्टअर्टक के कारण दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर इनका निधन हो गया था।
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समझिए राघोगढ़ का सियासी गणित
राघोगढ़ में दिग्विजय सिंह लोग राजा साहेब, दरबार, दिग्गी राजा या हुकुम के नाम से पुकारते हैं। दिग्विजय सिंह पहली बार 1977 में यहां से विधायक बने थे। उसके बाद से कांग्रेस ये सीट कभी नहीं हारे। राघौगढ़ के सियासी इतिहास की बात की जाए तो कांग्रेस के इस अभेद्य किले को भेदने में बीजेपी अब तक नाकाम रही है। बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सिंह ने 2003 में यहीं से शिवराज सिंह चौहान को पराजित किया था। 2008 चुुनाव की बात करें तो कांग्रेस के टिकट पर मूलसिंह दादाभाई लड़े और जीत गए थे। हालांकि 2013 में कांग्रेस ने यहां दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को मैदान में उतारा। वे बीजेपी प्रत्याशी राधेश्याम धाकड़ को शिकस्त देकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। इस चुनाव में कांग्रेस को जहां 98041 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी को महज 39837 वोट मिले थे।