नई दिल्ली। दिल्ली की रिहायशी कॉलोनियों का ढाई करोड़ लीटर गंदा पानी यमुना में गिरने से रोका जाएगा. रोजाना यह ढाई करोड़ लीटर गंदा पानी यमुना में गिरता है, जिससे यमुना प्रदूषित हो रही है. कई कॉलोनियों में सीवर नहीं होने के कारण पानी को खुली नालियों और सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ते हैं और यह गंदा पानी सीधे यमुना में गिरता है, इसलिए ऐसी कॉलोनियों में सीवर कनेक्शन दिया जाएगा और उसे दिल्ली की मुख्य सीवेज प्रबंधन प्रणाली से जोड़ा जाएगा. इन घरों को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पहले से बिछाई गई सीवरेज लाइनों से जोड़ा जाएगा, जिसके बाद यहां के सीवरेज को ट्रीट करने के लिए यमुना विहार सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तक पहुंचाया जाएगा. इससे यमुना में प्रवाहित होने से पहले करीब 2.5 करोड़ लीटर सीवेज का उपचार करने में मदद मिलेगी.

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दिल्ली सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक

इसी कड़ी में जल मंत्री व दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बोर्ड बैठक की. इस दौरान नई सीवर लाइनें बिछाने, लोगों को घरेलू सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराने, मौजूदा एसटीपी को अपग्रेड करने, जेजे क्लस्टर कॉलोनियों में आरओ पानी की सुविधा देने और दिल्ली जल बोर्ड की राजस्व प्रबंधन प्रणाली में सुधार करने को लेकर चर्चा की गई. यमुना की सफाई पर केंद्रित बोर्ड बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, साथ ही अधिकारियों को सभी परियोजनाओं को समय सीमा के अंदर काम पूरा करने के निर्देश दिए.

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12 कॉलोनियों के अलग-अलग घरों में दिया जाएगा सीवर कनेक्शन

बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्वी दिल्ली के करावल नगर और मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्रों में 12 कॉलोनियों के अलग-अलग घरों में सीवर कनेक्शन प्रदान किया जाएगा. लगभग 25,000 परिवारों को इस फैसले से लाभ मिलेगा. इस परियोजना के लिए 19 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जाएगा. मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक इससे 2025 तक यमुना की सफाई का लक्ष्य पूरा होने में भी अहम योगदान रहेगा. आसपास के लोगों को गंदे पानी के कारण होने वाली बीमारियों से राहत और स्वच्छ वातारण मिलेगा. लोगों को फुटपाथ के नीचे सीवेज के रिसाव के कारण घरों की नींव को कमजोर होने का डर भी नहीं सताएगा.

नरेला में 10 किमी और बुराड़ी में 25 किमी की सीवर लाइनें बिछाने को भी मंजूरी

बोर्ड ने नरेला में 10 किमी और बुराड़ी में 25 किमी की सीवर लाइनें बिछाने को भी मंजूरी दी है. नरेला और बुराड़ी में सीवर लाइनों से निकलने वाले सीवेज को उनके संबंधित एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा. यानि नरेला के सीवरेज को नरेला एसटीपी और बुराड़ी का कोरोनेशन एसटीपी में ले जाया जाएगा. नरेला एसटीपी कैचमेंट एरिया के तहत आने वाली कॉलोनियों के सिंघू ग्रुप में 10 किलोमीटर सीवर लाइन और कोरोनेशन एसटीपी कैचमेंट एरिया के तहत आने वाले प्रधान एन्क्लेव में 25 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जाएगी. वर्तमान में इन दोनों क्षेत्रों में सीवरेज लाइन नहीं है. नाले के जरिए यहां से उत्पन्न सीवेज यमुना नदी में बहता है. खुले क्षेत्रों में सीवेज का पानी बहने से लोगों को मलेरिया, डेंगू, हैजा और टाइफाइड सहित कई घातक बीमारियों के होने का डर बना रहता है. परियोजना के पूरा होने के बाद नरेला की करीब 15,000 लोगों और बुराड़ी के 41,000 लोगों को फायदा मिलेगा.

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