Dairy Farming Business News: दूध के व्यवसाय में मोटा मुनाफा है. ये व्यापार आय का एक बड़ा स्रोत साबित हो रहा है. आप गांव में रहकर आय का जरिया बना सकते हैं. इस व्यवसाय की खास बात यह है कि इसमें गाय के गोबर से लेकर दूध तक सब कुछ बिकता है. इसके अलावा गोबर से जैविक खाद बनाकर खेतों में इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं दूध से कई तरह के उत्पाद बनाए और बेचे जा सकते हैं.

Dairy farming in India

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के भानू भास्कर सिंह ने कृषि से स्नातक करने के बाद नौकरी नहीं की. उन्होंने कृषि में अपना करियर बनाया. उन्होंने डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू किया. उनका कहना है कि डेयरी फार्मिंग व्यवसाय स्थापित करने के लिए देश के सभी क्षेत्र उपयुक्त हैं.

Dairy farming And earning from cow dung

भारत में अधिकांश डेयरी किसान पारंपरिक रूप से पशुओं को पाल रहे हैं, उन्हें डेयरी फार्मिंग की उन्नत तकनीकों की जानकारी नहीं है. नतीजतन, कुछ किसान अपने निवेश पर मुनाफे के बजाय नुकसान कर रहे हैं.

बैंक से कर्ज लेकर अच्छी नस्ल की गाय खरीदी
डेयरी फार्मिंग बिजनेस शुरू करने से पहले भानु ने एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर स्कीम से दो महीने की ट्रेनिंग ली। डेयरी फार्मिंग से उनकी अच्छी आमदनी हो रही है.

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डेयरी खोलने के लिए सबसे जरूरी है अच्छी नस्ल की गाय का चुनाव करना. भानू ने डेयरी का कारोबार शुरू करने के लिए बैंक से 20 लाख रुपये का कर्ज लिया. उन्होंने देशी नस्ल यानी साहीवाल, गिर और गंगातीरी गायें खरीदीं. इन गायों से कुल 40 से 50 लीटर दूध मिलता है.

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इसके अलावा वे वर्मी कम्पोस्ट बनाते हैं और इस कम्पोस्ट का इस्तेमाल खुद की 76 एकड़ जमीन में करते हैं. कुल भूमि में से 20 एकड़ जैविक खेती करते हैं. उनका कहना है कि धीरे-धीरे पूरी जमीन पर जैविक खेती करेंगे. वह अन्य जगहों पर भी जैविक खेती की सलाह देते हैं. नाबार्ड ने उन्हें 36% सब्सिडी दी है.

डेयरी फार्मिंग से आय
भानु डेयरी व्यवसाय से अच्छी कमाई कर रहा है. प्रबंधन के मुताबिक उनके सोनभद्र डेयरी फार्म का टर्नओवर सालाना 30 लाख रुपए हो गया है. उनके साथ 5 गांवों के 150 किसान जुड़े हुए हैं. इनमें 4 कुशल व 10 अकुशल श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है.

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