Dalai Lama Birthday Celebration: तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का 6 जुलाई को जन्मदिन है। जिसके लिए दुनियाभर से लोग धर्मशाला पहुंचेंगे। इसकी तैयारियां जोरों शोरो से चल रही है। कई कार्यक्रमों का आयोजन इस दौरान होगा। अभी हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में विशेष धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक समारोह का आयोजन चल रहा है। इस आयोजन में देश विदेश से लोग और अनुयाई पहुंच रहे है। शनिवार सुबह मैक्लोडगंज स्थित बौद्ध मठ में दलाई लामा के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। सुबह 8 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में खुद दलाई लामा भी मौजूद रहे। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, दलाई लामा का जन्मदिन 6 जुलाई को मनाया जाता है।

दुनियाभर से श्रद्धालुओं की मौजूदगी

इस आयोजन को लेकर वैश्विक स्तर पर उत्साह देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि करीब 48 देशों से बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले लोग धर्मशाला पहुंच चुके हैं। आयोजकों के अनुसार, इस बार करीब तीन लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जिनमें कई पहले ही मैक्लोडगंज में डेरा डाल चुके हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी रातें

धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ इस उत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हो रही हैं, जिनमें तिब्बती और भारतीय पारंपरिक नृत्य-संगीत शामिल हैं. बढ़ती भीड़ को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं और क्षेत्र में सघन निगरानी रखी जा रही है.हाल के दिनों में धर्मशाला के कुछ हिस्सों, विशेषकर खनियारा क्षेत्र, में बारिश के कारण मुश्किलें देखी गई थीं. बाढ़ की चपेट में कुछ जानें भी गईं, जिससे पर्यटन पर असर पड़ा.लेकिन दलाई लामा के इस भव्य जन्मोत्सव ने स्थानीय लोगों में नई ऊर्जा और आशा का संचार किया है.

किरेन रिजिजू भी हुए थे शामिल

खास बात ये रही की दलाई लामा के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी हिस्सा लिया था। शुक्रवार के दिन रिजिजू का दौरा उस वक्त हुआ है जब कुछ दिन पहले ही तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी (पुनर्जन्म) की योजना को लेकर खुलासा किया था, जिस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। केंद्रीय मंत्री रिजिजू की इस यात्रा के एक दिन पहले चीन ने भारत को तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर सावधानी बरतने की नसीहत दी थी। चीन ने कहा था कि इससे भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिशों पर असर पड़ सकता है।

विदेश मंत्रालय साफ किया रुख

विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को साफ किया कि भारत सरकार का दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया पर कोई आधिकारिक रुख नहीं है. MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमने दलाई लामा जी के बयान की रिपोर्ट देखी है, जिसमें उन्होंने दलाई लामा की संस्था के जारी रहने की बात कही है. भारत सरकार धार्मिक विश्वास और आस्था से जुड़ी प्रक्रियाओं पर कोई टिप्पणी नहीं करती.” उन्होंने आगे कहा, “भारत में सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान किया गया है और हम भविष्य में भी इसी सिद्धांत पर कायम रहेंगे.”

दलाई लामा ने कही थी ये बड़ी बात

हाल ही में दलाई लामा ने कहा था कि उनका उत्तराधिकारी भारत में स्थापित गदेन फोद्रांग ट्रस्ट द्वारा चुना जाएगा, जिसे उन्होंने खुद बनाया है. उन्होंने साफ किया कि किसी अन्य संस्था या देश को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है.

इस बयान को चीन को एक सीधा संदेश माना जा रहा है, क्योंकि चीन लगातार यह दावा करता रहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चुनाव बीजिंग की स्वीकृति से होना चाहिए.

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