नई दिल्ली। भारत के जस्टिस दलबीर भंडारी दोबारा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानि ICJ के जज बन गए हैं. इसके साथ ही भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर बड़ी कामयाबी हासिल हुई है.

दरअसल कल ब्रिटेन ने आईसीजे की दौड़ से खुद को बाहर कर लिया. ब्रिटेन के क्रिस्टोफ़र ग्रीनवुड ICJ की रेस में थे. ग्रीनवुड को सुरक्षा परिषद का समर्थन हासिल था. बता दें कि कुछ दिन पहले इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तानी जेल में क़ैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी पर भी रोक लगाई थी. इस कोर्ट के 15 जजों में भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी भी शामिल थे.

भारत की केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर इस जीत पर बधाई दी है.

बता दें कि जस्टिस दलवीर भंडारी देश के सुप्रीम कोर्ट में भी जज रहे हैं. उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट से वकालत की शुरुआत की थी. बाद में वे दिल्ली आ गए थे, जहां 1991 में वे दिल्ली हाईकोर्ट के जज बने. फिर वे बॉम्बे हाई कोर्ट के भी चीफ जस्टिस बने. जस्टिस भंडारी 2005 में उच्चतम न्यायालय के जज बने. 2012 में रिटायरमेंट के बाद वे ICJ में जज बने.

ICJ की स्थापना 1945 में हुई थी और तब से अब तक ये पहली बार है, जब इसमें कोई भी ब्रिटिश जज नहीं है. ICJ के 15 जजों में से तीन जज अफ़्रीका से और तीन जज एशिया के हैं और उनके अलावा दो जज लैटिन अमरीका और दो पूर्वी यूरोप से हैं. 5 जज पश्चिम यूरोप और दूसरी जगहों से हैं.