अमृतसर. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित 13 मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमा पर चल रहा किसान आंदोलन एक सप्ताह में एक साल पूरा कर लेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए किसानों ने 11 से 13 फरवरी तक तीन महापंचायतें आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन महापंचायतों में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के लिए किसान गांव-गांव जाकर लोगों को एकजुट कर रहे हैं।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज (6 फरवरी) को 73वें दिन में प्रवेश कर गया। आज हरियाणा के कई गांवों के किसान पानी लेकर मोर्चे पर पहुंचेंगे। अब डल्लेवाल केवल किसानों द्वारा लाए गए पानी का ही उपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही, बड़ी संख्या में किसान राशन और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दोनों मोर्चों पर पहुंचने लगे हैं।

चंडीगढ़ में 14 फरवरी को बैठक

लंबे इंतजार के बाद, 14 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक होने जा रही है। बैठक से पहले, किसानों ने मोर्चों पर लगातार कार्यक्रम आयोजित करने की रणनीति बनाई है, ताकि बड़ी संख्या में लोग आंदोलन स्थल पर पहुंचें।
6 से 8 फरवरी तक हरियाणा के किसान अपने खेतों से पानी लेकर खनौरी बॉर्डर पर पहुंचेंगे
9 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर के सांसदों को कृषि नीति से संबंधित मांगपत्र सौंपा जाएगा। हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) से जुड़ी यूनियनों को इसमें शामिल किया जाएगा या नहीं, इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

11 फरवरी को फिरोजपुर में विरोध प्रदर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में किसानों पर दर्ज मामलों के विरोध में 11 फरवरी को फिरोजपुर में प्रदर्शन होगा। किसान एसएसपी कार्यालय का घेराव करेंगे।
इसी दिन, पहली महापंचायत रतनपुरा मोर्चे पर होगी, जबकि 12 फरवरी को खनौरी और 13 फरवरी को शंभू में महापंचायत आयोजित की जाएगी। इसके बाद, 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के अधिकारियों और किसानों के बीच बैठक होगी।

डल्लेवाल का संदेश


बुधवार को जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 2 मिनट 19 सेकंड का वीडियो जारी किया और किसानों से महापंचायत में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा— “मैं आप सबसे folded hands प्रार्थना करता हूं कि देशभर के किसान महापंचायत में आएं। आपकी उपस्थिति हमें ऊर्जा, शक्ति और हौसला देती है। भले ही हमारा शरीर बैठक में जाने लायक न हो, लेकिन आपकी ऊर्जा से हम वहां मजबूती से अपनी बात रख पाएंगे। मैं एक बार फिर हरियाणा के किसानों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने हमें पानी लाकर दिया।”