योगेश यादव,बगीचा(जशपुर)। जल संसाधन विभाग द्वारा तीन महीने पहले निर्माण की गई बांध भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ गई. उसके बाजुए इतने भी मजबूत नहीं थे कि वो पहली बारिश सहन कर सके. यही वजह है कि बारिश होते ही बांध टूट कर दो हिस्सों में बट गई. बांध में भरा पानी तेज धार में बहने लगी और इससे नुकसान किसानों का हुआ. क्योंकि बांध का पानी किसानों की खेतों में चला गया और करीब 6 एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई.

जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड में 47 लाख की लागत से बना बांध लापरवाही की भेंट चढ़ गया. उकई ग्राम पंचायत के भट्ठा नाला में बना मिट्टी का बांध तीन महीने में ही बह गया. इस बांध को जल संसाधन विभाग ने मनरेगा के तहत निर्माण कराया था. इसके टूटने से लगभग आधा दर्जन किसान प्रभावित हुए है. प्रभावित किसानों की माने तो उनका 5 से 6 एकड़ में लगा धान की फसल पूरी तरह चौपट हो गया है. बांध का पूरा मिट्टी उनके खेतों में पट गया है. खेत में फसल की जगह केवल मिट्टी ही मिट्टी है. किसान अब मुआवजा की मांग कर रहे हैं.

इस संबंध में जशपुर कांग्रेस विधायक विनय भगत ने कहा कि मैं उस गाँव में जाऊंगा और प्रभावित किसानों से मिलकर उनको मुआवजा दिलाऊंगा और घटिया निर्माण की जाँच भी करूँगा.

इस मामले में कलेक्टर नीलेश महादेव क्षीरसागर ने जांच कर कार्रवाई करने और किसानों की बर्बाद फसल का मुआयना कर मुआवजा प्रकरण तैयार करने की बात कही है.

बता दें कि बांध निर्माणकार्य में जल संसाधन विभाग ने जमकर लापरवाही की है. मनरेगा के तहत निर्माण में जेसीबी और ट्रेक्टर का भी उपयोग किया गया है. जबकि मनरेगा सिर्फ मजदूर ही मजदूरी करते हैं. अब देखना यह होगा कि इस मामले में कलेक्टर के बयान का क्या कुछ असर होता है ? और किसानों की बर्बाद फसल का कितना मुआवजा मिलता है ?