राकेश चतर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में खेतों की सिंचाई एवं पेयजल के लिए बनाए गए बांध और पुल सरकार और संबंधित विभाग की अनदेखी के चलते न सिर्फ टूट रहें हैं बल्कि जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं। संबंधित विभाग द्वारा सालों से निरीक्षण नहीं करने के कारण ये हालात पैदा हुए हैं। इसे लेकर सरकार द्वारा भी कोई समीक्षा नहीं हुई है। यह खुलासा भारत सरकार के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ( Controller and Auditor General of India) ( CAG कैग) की रिपोर्ट में हुआ है।
( CAG कैग) की रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्यप्रदेश में अनदेखी के चलते बांध और पुल टूट रहे हैं। जल संसाधन विभाग बांधों का प्री-मानूसन और पोस्ट मानसून निरीक्षण नहीं करता है। इसी तरह लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पुलों का प्री-मानसून और पोस्ट मानसून निरीक्षण नहीं करता है। इससे प्रदेशभर के बांध और पुलों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। कैग की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि प्रदेश के 150 बड़े और 351 छोटे पुलों का तीन-तीन साल तक निरीक्षण नहीं हुआ है।
इसी तरह बांधों को लेकर भी समीक्षा तक नहीं की गई है। यही कारण है कि जून 2018 में मंदसौर का गांधी सागर बांध टूट गया था। जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 से बांध का निरीक्षण नहीं हुआ था। बांधों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी भी तैनात नहीं किए गए। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वर्ष 2016 से 2018 तक 116 बड़े पुलों का विभाग द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया है।
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