सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. जानलेवा स्वाइन फ्लू का वायरस एच1एन1 अपनी जीन बदल रहा है, यही वजह है कि सर्दियों में होने वाली यह बीमारी अब गर्मी में भी लोगों को जकड़ रही है. अप्रैल के महीने में स्वाइन फ्लू से संक्रमित 10 मरीज मिले हैं, जिनमें से 6 मरीजों की हालत गंभीर है. डॉक्टरों ने आने वाले समय में स्वाइन फ्लू से संक्रमित और मरीजों के मिलने की आशंका जताई है.

माना जाता है स्वाइन फ्लू एक मौसमी बीमारी है, जिसका वायरस 30 डिग्री तक (ठंड के दिनों में) सक्रिय रहता है, लेकिन इस बार गर्मी में भी स्वाइन फ्लू के मरीज देख डॉक्टर भी हैरान हैं. डॉ. गिरीश अग्रवाल ने बताया कि बीते दो सालों से लगातार गर्मी के मौसम में भी स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं. स्वाइन फ्लू के जो वायरस 30 डिग्री सेल्सियस तक मर जाया करते थे, वे रायपुर में 45 डिग्री में भी सक्रिय हैं. ये फ्लू बेहद खतरनाक है. आगे आने वाले समय में इसका दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकता है.

ठंड के दिनों में मिले थे 47 मरीज

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि स्वाइन फ्लू के वायरस के सक्रिय होने का एक कारण मौसम में लगातार हो रहे बदलाव भी है. पहले ये बीमारी केवल एक मौसम में देखने को मिलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. डॉक्टर्स की मानें तो ये वायरस सक्रिय जरूर है, लेकिन कम घातक हैं. गर्मियों में होने वाले स्वाइन फ्लू से किसी की मौत नहीं हुई है, और इसकी आशंका भी कम ही रहती है. जिला चिकित्सा अधिकारी आरके सोनवानी ने बताया कि ठंड के दिनों में प्रदेश में 47 मरीज़ मिले थे, जिसमें से आठ लोग की मौत हुई थी. उन्होंने भी स्पष्ट किया कि स्वाइन फ्लू के वायरस के जीन में बदलाव के कारण गर्मी के दिनों में स्वाइन फ्लू के मरीज़ मिल रहे हैं.