चंद्रकांत/बक्सर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) बक्सर के आदेश संख्या 23/2025 के आलोक में जिले में निवास कर रहे किन्नरों का आंकड़ा संग्रह किया जा रहा है. यह पहल डालसा की सचिव सह न्यायाधीश नेहा दयाल के मार्गदर्शन में संचालित की जा रही है. इसका उद्देश्य किन्नरों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ उनकी पहचान को औपचारिक रूप से मान्यता दिलाना है.

ट्रांसजेंडर आईडी कार्ड

इस कार्य में पारा विधिक स्वयंसेवक एस. के. पांडेय सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह विभिन्न स्थानों पर जाकर किन्नर समुदाय से मुलाकात कर रहे हैं और उनसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड समेत अन्य पहचान पत्रों की जानकारी संकलित की जा रही है. इन दस्तावेजों के माध्यम से ट्रांसजेंडर आईडी कार्ड बनवाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

आंकड़ा संग्रह अभियान 

एस के पांडेय ने कहा कि आज भी ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. पहचान पत्र के अभाव में वे सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं. बैंक खाता खोलने, इलाज कराने, राशन कार्ड बनवाने जैसी सामान्य सुविधाओं तक भी उनकी पहुंच नहीं हो पाती है, ऐसे में यह आंकड़ा संग्रह अभियान उनके लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है.

योजनाओं का लाभ 

डालसा की इस पहल पर ट्रांसजेंडर समुदाय ने हर्ष व्यक्त किया है. ट्रांसजेंडर रुबी, सानिया, पापिया, तानिया, सोनाइ समेत अन्य ने कहा कि पहली बार उन्हें समाज और सरकार द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे न केवल उनकी पहचान सुनिश्चित होगी, बल्कि उन्हें योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा.

सकारात्मक कदम 

इस अभियान में एडीसीपीयू से जुड़े कर्मी धर्मेंद्र का भी सहयोग मिल रहा है. सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ इस अभियान को सफल बनाने में जुटे हैं. यह प्रयास ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है.

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