विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्रयागराग में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ की शुरुआत होगी. इस साल महाकुंभ के पहले दिन सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है. महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा उत्सव मेला होता है. जिसमें दुनिया से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. महाकुंभ मेले का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा.
महाकुंभ 2025 में कब लगेगी आस्था की डुबकी?
13 जनवरी 2025- पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 – मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025- वसंत पंचमी
4 फरवरी 2025- अचला नवमी
12 फरवरी 2025- माघी पूर्णिमा
26 फरवरी 2025- महाशिवरात्रि
महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है.
जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
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