हेमंत शर्मा, इंदौर। देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय, इंदौर में 14वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया। जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस ऐतिहासिक समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जैसे दिग्गज नेता मंच पर उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने समारोह के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय में आना मेरे लिए एक विशेष अवसर है, खासकर उस समय जब इंदौर की धरती पर लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष चल रही है। अहिल्याबाई का जीवन महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और सुशासन का अद्वितीय उदाहरण है। उन्होंने कठिन दौर में भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक प्रयास किए, जो आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।’

राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन की प्रशंसा की और गोल्ड मेडल विजेताओं को सम्मानित किया। उन्होंने कहा, ‘यह गर्व की बात है कि गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में बड़ी संख्या में लड़कियां शामिल हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि आज की महिलाएं शिक्षा के हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं।’

इंदौर की स्वच्छता को लेकर राष्ट्रपति की सराहना


राष्ट्रपति मुर्मू ने इंदौर शहर के नागरिकों और प्रशासन की भी प्रशंसा करते हुए कहा, “इंदौर ने लगातार सात बार स्वच्छता सर्वेक्षण में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह केवल प्रशासन की नहीं बल्कि पूरे शहर के नागरिकों की जागरूकता और जिम्मेदारी का परिणाम है। इंदौर के निवासियों ने देश को स्वच्छता के क्षेत्र में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।”

MP के राज्यपाल मंगू भाई पटेल का संबोधन


मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने दीक्षांत समारोह के अवसर पर विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और इंदौर की स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुए कहा, “इंदौर में स्वच्छता की जो मिसाल पेश की गई है, वह देश के अन्य शहरों के लिए प्रेरणादायक है। मैं कई बार इंदौर आया हूं, और यहां की साफ-सफाई और जागरूकता हमेशा प्रभावित करती है।

इस भव्य समारोह में 46 को गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल मिले 137 को इस्नातको को पीएचडी डिग्री मिली। इनमें कई ऐसे विद्यार्थी भी थे जिन्होंने एक से अधिक विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। समारोह के दौरान विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी और गर्व साफ झलक रहा था। विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी विद्यार्थियों की उपलब्धियों की सराहना की।

मुख्यमंत्री मोहन यादव का संबोधन


इस दीक्षांत समारोह को और भी महत्वपूर्ण बनाता है देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती का वर्ष, जिसे इस समय विश्वविद्यालय में विशेष आयोजनों के रूप में मनाया जा रहा है। लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “अहिल्याबाई ने न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश के लिए सुशासन और सामाजिक सुधार का मार्ग प्रशस्त किया। उनके शासनकाल में महिलाओं के लिए किए गए कार्य आज भी हमारे लिए प्रेरणादायक हैं।”

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