नई दिल्ली. भारत में जल्द ही मॉडर्ना की वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है. फार्मा कंपनी Cipla ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से वैक्सीन आयात करने की अनुमति मांगी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार DCGI मंगलवार को ही सिप्ला को ये मंजूरी प्रदान कर सकता है. दुनिया के कई अमीर देशों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. आंकड़ों के लिहाज से अमेरिका में अब तक 12 करोड़ नागरिकों को फाइजर या मॉडर्ना की वैक्सीन दी जा चुकी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसी संभावना है कि मॉडर्ना के टीके को भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूर किया जा सकता है. बीते हफ्ते ही दिल्ली सरकार भी केंद्र सरकार से फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसे अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन उम्मीदवारों को इजाजत देने की अपील की थी.
इसे भी पढ़ें- 10 साल तक की खुदाई : घर के अंदर रहस्यमयी कुएं की खुदाई से मिली 500 साल पुरानी चींजे …
दिल्ली में सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी की विधायक ने बुलेटिन जारी करते हुए कहा था, ‘हम केंद्र से फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के टीकों को जल्द से जल्द मंजूरी देने और इसे भारत की जनता के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हैं. भारत में जितनी तेजी से टीकाकरण होगा, उतनी ही जल्दी यह कोविड से सुरक्षित होगा.’ इससे पहले नेशनल कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल भी कह चुके हैं कि सरकार लगातार विदेशी वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में है.
इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बयान पर डॉ रमन सिंह का ट्वीट, पूछा- आखिर सच कौन बोल रहा है ?
यह वैक्सीन मैसेंजर RNA पर निर्भर करती है, जो सेल्स को कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी तैयार करने के लिए प्रोग्राम करते हैं. अमेरिका में मॉडर्ना की वैक्सीन mRNA-1273 ‘स्पाइकवैक्स’ ब्रांड नाम के तहत बेची जा रही है. इसे दवा कंपनी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) और बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के सहयोग से विकसित किया था.
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक