अखिलेश जायसवाल, रायपुर. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले से ठीक 5 घंटे पहले दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू ने फेसबुक पर अपना आखिरी पोस्ट किया था. कैप्सन में लिखा छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में चुनावी यात्रा, लेकिन उसे नहीं पता था कि यह उसका अंतिम यात्रा होगा. नक्सलियों ने उन्हें गोलियों से छल्ली कर दिया और उसका कैमरा भी अपने साथ ले गए. जिससे अच्युतानंद साहू की घटना स्थल पर मौत हो गई. यह घटना दंतेवाड़ा के नीलावाया के जंगल में घटी है.

कैमरामैन अच्युतानंद साहू

28 को आए थे दिल्ली से बस्तर

बताया जा रहा कि मृतक कैमरामैन अच्युतानंद साहू लोसिंग ओडिशा के रहने वाले हैं. उन्होंने बिरहा महाराजपुर हाई स्कूल से स्कूली पढ़ाई पूरी की, उसके बाद बिरहा महाराजपुर कॉलेज और बिजूपटनायक फिल्म एंड टीवी इस्टीट्यूट में पढ़ाई पूरी की है. पिछले काफी समय से डीडी न्यूज के साथ जुड़कर कैमरामैन का काम कर रहे थे. बीते दिनों 28 अक्टूबर को दिल्ली की टीम के साथ छत्तीसगढ़ के बस्तर में चुनावी कव्हरेज करने पहुंचे हुए थे.

यहां पहली बार होना था मतदान

दरअसल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में पहली बार मतदान होने वाला था. राज्य निर्वाचन आयोग ने हाल ही में यहां मतदान केन्द्र निर्धारित किया था. इस ऐतिहासिक पल को कव्हरेज करने दिल्ली दूरदर्शन की टीम मतदान केन्द्र के साथ ही आसपास के इलाकों के कव्हरेज के लिए यहां पहुंची थी कि तभी नक्सली जंगल में घात लगाए बैठे हुए थे और पुलिस पर फायरिंग कर दी.

मीडिया पर भी नक्सली हमला

नक्सलियों ने जानबुझकर डीडी न्यूज़ के कैमरामैन से कैमरा छीना और बोले मीडिया वाले हैं मारो मारो. इतना आवाज सुनते ही नक्सलियों ने गोलियों की बौछार कर दी. दिल्ली से आए दूरदर्शन के कैमरामेन अच्युतानंद साहू नक्सली हमले में मारे गए.

दो जवान शहीद और दो घायल

इस मुठभेड़ में सब इंस्पेक्टर रूद्र प्रताप सिंह एवं सहायक आरक्षक मंगलूराम शहीद हो गए, जबकि दो जवान, आरक्षक विष्णु नेताम एवं सहायक आरक्षक राकेश कौशल गंभीर रूप से जख्मी हो गये हैं. उस वक्त जंगल में करीब 200 हथियारबंद नक्सली मौजूद थे.

सोशल मीडिया में दी जा रही श्रद्धांजलि

डीडी न्यूज़ के कैमरामैन अच्युतानंद साहू की मौत के बाद सोशल मीडिया में श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. उनके मित्र, रिस्तेदार, मीडियाकर्मी समेत कई चाहने वाले लोग सोशल मीडिया में श्रद्धांजलि देकर नक्सलियों की कायराना हरकत बता रहे है.

नक्सली नेता ने पर्चा जारी कर दिया था आने की छूट

बता दें कि 25 अक्टूबर को नक्सली कमांडर नेता गणेश उइके ने एक पर्चा जारी कर मीडियाकर्मियों को अंदरुनी इलाकों में आकर कव्हरेज करने की छुट दी थी और कहा था कि आप आइये और नक्सल इलाकों में कवरेज करिए. लेकिन नक्सलियों ने दोगलापन दिखा दिया, पत्रकारों को बुलाकर उन पर ही आत्मघाती हमला कर दिया. इससे नक्सलियों के प्रति जितनी बची कुची इमानदारी थी वो पूरी तरह से समाप्त हो गई है. अब तो पत्रकार भी नक्सलियों के गढ़ में सुरक्षित नहीं रहे.

ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन नक्सलियों पर कोई बड़ा कार्रवाई कर पाएगी? पुलिस नक्सलियों के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाएगी? या फिर ऐसे ही हमला होता रहेगा?.