नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए DDMA की 27 अक्टूबर को बैठक बुलाई गई है. उम्मीद है कि इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने पर रोक लगाने के फैसले पर भी फिर से विचार किया जाएगा. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 30 सितंबर को जारी आदेश में महामारी के चलते दिल्ली में यमुना नदी के घाटों, जलाशय और मंदिरों सहित सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने पर रोक लगा दी थी.
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अधिकारी ने बताया कि डीडीएमए कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए 27 अक्टूबर को बैठक करेगा और इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा करने पर लगाई गई रोक के अपने फैसले पर भी पुनर्विचार करेगा. बता दें कि सांसद मनोज तिवारी सहित दिल्ली भाजपा के नेताओं ने छठ पूजा पर रोक के फैसले को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा था और डीडीएमए को पूजा की अनुमति के लिए नए सिरे से प्रस्ताव भेजने की मांग की थी. मनोज तिवारी और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सीएम केजरीवाल के आवास का घेराव भी किया था. इस दौरान वे घायल भी हो गए थे.
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इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था और कोविड 19 के नियंत्रित होने का हवाला देते हुए दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर छठ कराने की मांग की थी. केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को भी लेटर लिखकर पब्लिक प्लेस पर छठ कराने की अनुमति देने की मांग की थी. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर कोविड-19 को देखते हुए छठ पूजा पर स्थिति स्पष्ट करने और त्योहार के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की थी. अब अनिल बैजल ने मुख्य सचिव को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए डीडीएमए की बैठक बुलाने का निर्देश दिया.
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