गोरखपुर। यूपी के गोरखपुर जिले के एक अस्पताल में एक मृत व्यक्ति का इलाज करने का मामला सामने आया है. यहां रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित यीशू अस्पताल में पीड़ित परिवार के पैसा वसूलने के लिए मृत व्यक्ति को वेंटिलेटर पर लिटाकर इलाज किया जा रहा था. इलाज के परिजनों को अस्पलात की ओर से 60 हजार का बिल थमा दिया गया. इस मामले में डीएम ने संज्ञान और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. जिसपर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अस्पताल को सील कर दिया गया. वहीं अस्पताल के 6 कर्मियों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा है.

गौरतलब है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचाने के लिए एक गिरोह सक्रिय है. इसमें मेडिकल कालेज के कर्मचारी भी शामिल हैं. गिरोह के लोग अच्छे इलाज के नाम पर 15 से 25 हजार रुपये लेते हैं. इस बीच हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज गए थे. इस दौरान उन्होंने ऐसे मामलों पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे.

शहर के प्रशासन ने अस्पतालों में इलाज के नाम पर हो रही लापरवाही पर सख्ती दिखाने का निर्णय लिया है. इस बीच एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई को सूचना मिली कि मेडिकल कॉलेज से एक मरीज को एंबुलेंस के जरिए पैडलेगंज स्थित यीशु अस्पताल भेजा जा रहा है. इसपर उन्होंने एक सिपाही को भेज कर घटना की जानकारी पता करवाई तो बातें सही साबित हुई. जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना तत्काल डीएम कृष्णा करुणेश को दी.

डीएम के निर्देश पर सीएमओ डॉक्टर आशुतोष दुबे, सिटी मजिस्ट्रेट मंगलेश दुबे पैडलेगंज स्थित अस्पताल पहुंचे. वहां पर कई मरीजों को बेहतर इलाज के नाम पर भर्ती कराया गया था. इसमें से एक बिहार के भागलपुर के रहने वाले 60 वर्षीय शिवबालक की मौत हो चुकी थी. लेकिन अस्पताल प्रबंधन उन्हें वेंटिलेटर पर रख कर परिजनों से पैसा वसूल रहा था. इस स्थिति को देखकर फौरन अस्पताल को सील कर दिया गया. वहीं अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ में जानकारी के आधार पर रामगढ़ थाना पुलिस ने संचालक और रियांव गांव के प्रधान नितिन यादव, उसके भाई मोनू, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के संविदा कर्मी दिनेश, डॉक्टर आरपी सिंह समेत 6 लोगों को हिरासत में लिया है. फिलहाल पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है.