रायपुर। पैसे कमाने की होड़ में इंसानियत दम तोड़ते जा रही है. व्यवसायिकता आदमी के ऊपर इस कदर हावी होते जा रही है कि वह पैसों के लिए नीचे गिरने में भी गुरेज नहीं कर रहा है. हम बात कर रहे हैं राजधानी के एक निजी अस्पताल में बंधक बनाए गए मजदूर के शव की. पैसे नहीं होने की वजह से अस्पताल प्रबंधन ने शव देने से इंकार कर दिया है.

मामला राजधानी के सरोना स्थित संकल्प अस्पताल का है. कबीरधाम के ग्राम चरखुरा के रहने वाले संतराम को उसके परिजनों ने 2 तारीख को राजधानी के संकल्प अस्पताल में भर्ती कराया था. संतराम को पीलिया की वजह से उसके परिजन भर्ती कराए थे. तकरीबन सप्ताह भर इलाज के बाद कल रविवार को उसकी मौत हो गई.

संतराम के पुत्र ईश्वर के मुताबिक इलाज के लिए उन लोगों ने 10 हजार रुपए जमा कर दिए थे लेकिन अब अस्पताल द्वारा 1 लाख 2 हजार से ज्यादा का बिल उन्हें थमा दिया गया है लेकिन पैसा नहीं होने की वजह से अस्पताल अब उनके पिता का शव देने से इंकार कर दिया है. लाख गिड़गिड़ाने के बाद भी और आंसुओं का भी अस्पताल प्रबंधन पर असर नहीं पड़ रहा है. ईश्वर अब अपने पिता के शव के लिए मदद की गुहार लगा रहा है कि कोई उनकी मदद कर दे. उसके पिता का शव दिला दे ताकि वह उसका अंतिम संस्कार कर सके.लल्लूराम डॉट कॉम ने इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से बातचीत करने की कोशिश की,लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.

संतराम के पुत्र ईश्वर के मुताबिक वे लोग गरीबी रेखा से नीचे आते हैं उसके पिता खेतों में मजदूरी करते थे. पिता के साथ वह भी गांव में मजदूरी करता है. परिवार में 5 भाई, 3 बहनें और माता-पिता थे. 2 बहन और 1 भाई की शादी हो गई है. परिवार में अभी 9 लोग रहते हैं.