सप्रिया पांडे,रायपुर। राजधानी के कोटा इलाके में रेलवे पटरी के पास लाश मिली है, जिसकी पहचान डायल 112 के ड्राइवर हरगोविंद साहू के रूप में हुई है. मूलतः बलौदा बाजार के रहने वाले मृत युवक के परिचित के अनुसार उसकी गाड़ी की दूसरे गाड़ी से टक्कर हुई है, जिसके बाद युवक के ट्रेन से टकराने की घटना हुई है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

सरस्वती नगर एसआई सुशील चंद्र ने बताया कि रात पौने 10 बजे कोटा रेलवे स्टेशन के पास बॉडी मिलने की सूचना मिली थी. हमने जाकर देखा कि मृतक ने 112 की वर्दी पहनी था. कुछ लड़के बता रहे थे कि वह ट्रेन से टकराया है. मृतक के जेब से मिले आई कार्ड के मुताबिक उसका नाम हरगोविंद साहू है. उसकी ड्यूटी मौदहापारा थाने में बताई जा रही है. उनके परिजन जो आए थे जो पूरी तरह से समझा नहीं पा रहे है कि हुआ क्या है. ये जांच का विषय है. सबका बयान लेंगे. बाद ही पता चल जाएगा कि वास्तव में हुआ क्या था.

वहीं हरगोविंद के परिचित राम साहू ने बताया कि हरगोविंद साहू 112 गाड़ी का ड्राइवर था. उसकी गाड़ी और एम्बुलेंस की की टक्कर हुई थी, जिसके बाद बता रहे हैं कि रेल से उसका एक्सीडेंट हो गया और मृत्यु हो गई. लेकिन हमें संदेह है कि इनके विभाग की जो ठेकेदार के द्वारा ड्राइवरों को बहुत परेशान किया जाता है उन्हीं की वजह से ऐसी स्थिति बनी है. घर में कोई तनाव नहीं था. हरगोविद की अपने पिता से सुबह करीब 10 बजे के आसपास बात हुई थी, जिसमें उसने दोपहर 2 से रात 10 बजे तक की ड्यूटी की जानकारी दी थी. उसके बाद घर पर किसी भी प्रकार की कोई बातचीत नहीं हुई है.

हरगोविंद के मामा लक्ष्मण साहू ने बताया कि हम लोग सुबह 7 बजे करीब यहां पहुंचे हमारे आने से पहले कुछ ड्राइवर साथी इकट्ठे हुए थे, उनसे पता चला कि हरगोविंद जो गाड़ी चला रहा था उसकी हॉस्पिटल विभाग का गाड़ी से टक्कर हो गई. उसके बाद से गाड़ी छोड़कर हरगोविंद कुछ घंटे बाद गायब हो गया और रात में ट्रेन से उसके टकराने की घटना हो गई. 112 के बाकी लोगों ने बताया कि सुपरवाइजर ड्राइवरों को बहुत प्रताड़ित करता है. गाड़ी में थोड़ी सी भी खरोच आ जाती है तो वो पैसे की डिमांड करता है, और नौकरी से निकाल देने की धमकी भी देता है.