प्रदीप शर्मा, गोपालगंज. Manish Kumar Martyr: भारत-पाक बॉर्डर पर शहीद हुए गोपालगंज के लाल मनीष कुमार का पार्थिव शरीर आज मंगलवार की शाम उनके गांव चफवा पहुंचा. शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम सलामी देने के लिए पूरे गांव भर का तांता लगा रहा, जैसे ही मनीष का शरीर उनके निवास स्थल पहुंचा जवान का बैग देखकर शहीद की पत्नी बेसुध हो चीत्कार मार कर रोने लगी. वहीं, दानापुर रेजीमेंट के एक जवान के द्वारा शहीद के पत्नी को ढांढस बढ़ाते हुए पति के शरीर का अंतिम दर्शन कराया गया .
आना था घर सरहद से आई मौत की खबर
शहीद के पिता मार्कंडेय तिवारी ने बताया कि, सरहद पर मेरा बेटा शहीद हुआ है. पांच माह पहले बॉर्डर पर ड्यूटी लगी थी. सोमवार को ही बेटे को घर आना था. लेकिन दोपहर मेरे बेटे की सरहद से मौत की खबर आई. देश सेवा के लिए मेरे बेटे ने आहुति दी है. मुझे गर्व है अपने बेटे पर जो देश का काम आया.
एक करोड़ मिले परिजनों को मुआवजा
वहीं, शहीद के मौत की खबर पर भोरे के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी वा माले नेता जितेंद्र पासवान भी परिजनों से मिलने पहुंचे. जहां उन्होंने परिजनों का ढांढस बंधाया. साथ ही उन्होंने सरकार से भी अपील की और कहा कि, सरकार देश की रक्षा में तैनात जवानों को लेकर गलत तरीका अपना रही है. शहीद का पार्थिक शरीर सरकार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से उनके परिजनों को सौपना चाहिए. आज एक पिता ने अपने बेटे को खोया है.देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दिया. सरकार से हमारी मांग है कि इस परिवार को एक करोड़ रूपया मुआवजा दिया जाए.
शहीद की अंतिम यात्रा में मौजूद रहे अधिकारी
वहीं, शहीद के अंतिम दर्शन के दौरान हथुआ एसडीएम अभिषेक कुमार. एसडी पीओ आनंद मोहन गुप्ता.भोरे प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार सिंह. सीओ अनुभव कुमार राय. भोरे अपर थानाध्यक्ष मनीष कुमार. सहित पांच हजार से ऊपर की संख्या में लोग शहीद क़े अंतिम यात्रा में शामिल रहे.
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