उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक नर्सिंग होम संचालिका की मौत हत्या या आत्महत्या के बीच उलझ गई है. उसकी मौत के कारण अबतक पुलिस नहीं कर पाई है, लेकिन जांच के दौरान नर्सिंग होम की पोल के साथ स्वास्थ्य विभाग की भी पोल खुल गई है.

दरअसल, पूरा मामला कांट में कुर्रियाकलां मार्ग पर स्थित नर्सिंग होम का है. जहां पुवायां के गांव कहमारा की रहने वाली रुचि सक्सेना ने नर्सिंग का कोर्स किया था. शादी के बाद उसने शहर के एक अस्पताल में बतौर नर्स नौकरी भी की थी. बाद में उसने कुर्रियाकलां रोड पर नर्सिंग होम खोल लिया था. डॉक्टर के तौर पर मरीजों का इलाज करती थी.

पुलिस की जांच में सामने आया कि नर्सिंग होम बिना पंजीकरण के चल रहा था. महिला रुचि और उसके पार्टनर सोनू वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण करने के लिए फाइल दी थी. इसमें कई डॉक्टरों के नाम भी अंकित किए थे. अपर शोध अधिकारी डॉ.एसके सिंह ने अस्पताल का निरीक्षण किया. लेकिन आवेदकों के अलावा कोई डॉक्टर नहीं मिला था. इसके चलते पंजीकरण की फाइल स्वीकृत नहीं हो सकी थी. जहां उसका शव फांसी के फंदे पर लटकता मिला.

रुचि की शादी चार साल पहले हरदोई में हुई थी, लेकिन वह शहर के अस्पताल में नर्स का काम करती थी. उस समय सोनू गाजियाबाद में नौकरी करता था, जिस अस्पताल में रुचि नौकरी करती थी, उसका संचालक सोनू का दोस्त है. सोनू अस्पताल के पास में रहता थाय इस बीच निगोही में एक शादी में उनकी मुलाकात हुई तो जान-पहचान बढ़ गई. बातचीत शुरू हो गई. सोनू ने रुपए लगाकर रुचि को अस्पताल खुलवा दिया था. वह महिला डॉक्टर बनकर काम करने लगी और अस्पताल संचालन में हाथ बंटाती थी.

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