रवि रायकवार, दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक जीवित शख्स को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। इतना ही नहीं उनकी एक करोड़ से अधिक कीमत की जमीन भी किसी और के नाम दर्ज कर दी गई। अब शख्स जगह जगह जा कर अभी मैं जिंदा हूं ये कह रहा है।

दतिया के बड़ौनी ग्राम के चंद्रभान सिंह हकीकत में तो जिंदा हैं लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में इनकी मौत हो चुकी है। ये सुनकर आप हैरान हो रहे होंगे कि ये कैसे हो सकता है। चंद्रभान सिंह की पचारा मौजा में एक करोड़ से अधिक कीमत की 25 बीघा पुश्तेनी जमीन है। कुछ दिन पूर्व जब चंद्रभान अपनी जमीन का सीमांकन करवाने पटवारी के पास पहुंचे तो पटवारी ने बताया कि आपकी जमीन तो कोई नहीं है। जो जमीन आप बता रहे हैं वह तो लोकेन्द्र सिंह और शक्ति सिंह के नाम दर्ज है।

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ये सुनकर चंद्रभान सिंह के पैरों तले जमीन खिसक गई। वे दूसरे दिन तहसील पहुंचे और बकील के माध्यम से सारा रिकॉर्ड निकलवाया। तो पता चला कि फर्जी बसीयत और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर राजस्व विभाग ने शक्ति सिंह और लोकेश सिंह के नाम कर दी है। उत्तर प्रदेश के झांसी के जिस अस्पताल से चंद्रभान सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया था, चंद्रभान सिंह उस अस्पताल पहुंचे वहां के अधीक्षक ने बताया कि ये मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी है। हमारे यहां से केवल महिलाओं के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं।

राजस्व विभाग ने जिस फर्जी बसीयत और मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर नामांतरण किया गया है उनमें बहुत से विरोधाभास है। जिनसे साफ समझ आता है कि ये सब फर्जी है। अब चंद्रभान सिंह ने पुलिस में शिकायत की है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

वहीं चाहे मृत्यु पत्र हो या बसीयत, थोड़ा सा जानकार भी इन कागजातों को देख कर ये बता सकता है कि, ये फर्जी हैं। फिर राजस्व अधिकारियों को ये क्यों समझ नहीं आया, इससे तो यही जाहिर होता है कि राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से चंद्रभान सिंह को मृत घोषित कर जमीन दूसरे के नाम कर दी गई l

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