भुवनेश्वर. ओड़िशा HC ने कटक नगर पालिका निगम (सीएमसी), ओडिशा जल निगम (वाटको) और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) सहित कई संगठनों को सड़कों और नालियों को खुली छोड़ कर लोगों के जीवन को दयनीय बनाने के लिए फटकार लगाई है. कटक में सड़कों और नालियों की खराब स्थिति के कारण कटकवासियों की परेशानियों का स्वत: संज्ञान लेते हुए, राज्य की शीर्ष अदालत ने 2020 में एक जनहित याचिका दायर की थी.
याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीआर सड़ंगी और न्यायाधीश एमएस रमन की पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारी अपनी मर्जी से परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा तय नहीं कर सकते. बल्कि उन्हें जल्द से जल्द काम को सफलता पुर्वक खतम करने की कोशिश करनी चाहिए.
कोर्ट ने कहा स्वेच्छा से समय सीमा निर्धारित नहीं कर सकते
अदालत ने कटक नगर निगम के सिटी इंजीनियर को अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से पेश होकर यह बताने को कहा कि उन्होंने ऐसी समयसीमा कैसे दी है. अदालत ने आर एंड बी डिवीजन, कटक के अधीक्षण अभियंता, वाटको (सीवरेज) के महाप्रबंधक और वाटको (ड्रेनेज) के महाप्रबंधक को सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित रहने के लिए भी कहा है. इसके अलावा कटक शहर के भीतर गैस की आपूर्ति के लिए भूमिगत गैस पाइपलाइन बिछाने वाले गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के महाप्रबंधक को भी अगली तारीख पर उपस्थित होने के लिए कहा गया है.
अगली सुनवाई 13 अक्टूबर
अदालत ने सीएमसी की ओर से उपस्थित वकील देबासिस नायक, ओडिशा जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (ओडब्ल्यूएस और एसबी) की ओर से उपस्थित वकील शैलजा नंदन दास और वाटको की ओर से उपस्थित वकील पी.के. भुयान को सुनने के बाद अपना आदेश दिया है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई कल (13 अक्टूबर) तय की है.
सूत्रों ने कहा, वॉटको ने कहा था कि सीएमसी क्षेत्र में सड़कों पर कुछ जेआईसीए कार्य अभी भी प्रगति पर हैं, सड़क बहाली और मरम्मत कार्य 20 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा लेकिन कार्यों की स्थिति से ऐसा लगता है कि वे निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो पाएंगे.
बता दें कि शहरवासियों ने भी आरोप लगाया है कि सड़क निर्माण और पाइपलाइन व गैस लाइन बिछाने का काम बीच में ही छोड़ दिये जाने से उनका जीना दूभर हो गया है.