मुकेश सेन,टीकमगढ़। मध्यप्रदेश में अब पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है. प्रेस की फ्रीडम धीरे-धीरे खत्म होते जा रही है. पत्रकारों के साथ खुलेआम मारपीट की जा रही है. थाने में नंगा कर पत्रकारों को पीटा जा रहा है. दूसरों की आवाज उठाने वाले पत्रकारों की आवाज को ही कूचला जा रहा है. काले कारनामों को उजागर कर जानलेवा हमला किया जा रहा है. सीधी जिले के बाद टीकमगढ़ जिले में कवरेज करने गए 5 पत्रकारों पर हमला हुआ है. शराब माफिया ने पत्रकारों की पिटाई की है. क्या ‘शिव’ के राज में पत्रकार सुरक्षित नहीं ? क्या माफिया कुचलने की बात कहने वाली सरकार पत्रकारों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है. या माफिया सरकार के नहीं अपनी सुनते हैं. या फिर कहीं न कहीं नेता ही माफियाओं को संरक्षण दे रखे हैं ? क्या प्रेस की आजादी छिन गई है या फिर प्रेस वहीं आजाद है, जहां नेता-माफिया के मनमुताबिक खबरें लगेंगी ?
दरअसल टीकमगढ़ जिले के पलेरा थाना क्षेत्र के बूदोर गांव में अवैध तरीके से शराब बिक्री की सूचना मिली थी. पुलिस तो शराब माफिया के खिलाफ शायद कुछ कर नहीं रही थी. जिसकी सच्चाई मीडिया ने उजागर करने की कोशिश की. पत्रकार रूपेश जैन, डीपी राजपूत, परशुराम अहिरवार, लोकेन्द्र सिंह और नीरज देशमुख बूदोर गांव में पहुंचे. जहां शराब माफिया के गुर्गों ने कवरेज के दौरान पत्रकारों की कार को रोक लिया. वो कुछ कह पाते उससे पहले ही पत्रकारों की पिटाई करनी शुरू कर दी. मारपीट की पूरी घटना कैमरे में भी कैद हुई है.
पत्रकार रूपेश जैन की बेरहमी से पिटाई की गई. उन पर जानलेवा हमला किया गया. इस हमले में पत्रकार रूपेश जैन को गंभीर चोटें आई हैं. शराब माफिया मारपीट करते हुए उनका मोबाइल, सोने की चेन सहित अन्य समान छीन लिए. पत्रकार को बंधक बनाकर जमकर मारपीट की. फिर अपनी गाडी में डालकर उसे पलेरा पुलिस थाने के पास छोड़कर भाग गए. इससे समझा जा सकता है कि माफिया को पुलिस का तनिक भी भय नहीं है. वो खुलेआम मारपीट करते हैं और पुलिस के सामने ही छोड़कर फरार हो जाते हैं. पुलिस उनका कुछ नहीं कर पाती है.
पीड़ित पत्रकार रूपेश जैन का कहना है कि हम खबर बानने गए थे. शराब माफिया ने हमें बहुत पीटा. चांदी के कड़े, मोबाइल, कार में तोड़फोड़ की और 10 हजार रुपये नगद लूट लिए. वो कह रहे थे कि हम अवैध काम करते हैं. हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. हमारी नेताओं में पकड़ है. तुम्हें जान से मार देंगे. मारपीट करने के बाद थाने के बाहर घायल अवस्था में छोड़कर भाग गए. कह रहे थे कि हम पत्रकारों के बाप है.
पलेरा थाना प्रभारी मुकेश शाक्य का कहना है कि ग्राम बूदोर में शराब बिक्री की खबर बनाने गए थे. तभी लौटने के दौरान मोनू, जीतेंद्र, नेमी जैन समेत कई लोगों ने पत्रकारों के साथ मारपीट की है. मामले की शिकायत दर्ज कर ली गई है. इस मामले में आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है. अब पुलिस ने नामजद हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज तो कर लिया है, लेकिन क्या कुछ कार्रवाई की जाएगी, यह देखने वाली बात है.
बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश के सीधी में भी एक पत्रकार और उसके साथ पकड़े गए कुछ रंगकर्मियों की थाने में निर्वस्त्र तस्वीर सामने आने के बाद बवाल हुआ था. मामला सामने आने के बाद दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया. इस मामले में भी अभी जांच की जा रही है. यह जांच पता नहीं कब तक चलेगा.
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