मनोज यादव, कोरबा. ग्रामीण इलाके में कुछ लोगों ने आदिवासी बालक की पिटाई कर मौत के घाट उतारा. मारपीट से घायल बालक को कोरबा से रायपुर रेफर करने पर भी उसे नहीं बचाया जा सका. परिजनों ने घटना के जिम्मेदार दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है. परिजनों ने बताया कि रिपोर्ट लिखाने रामपुर सिविल लाइन थाने में शिकायत नहीं लिखी गई.

यह घटना सिविल लाइन थाना रामपुर के नकटीखार गांव की है. अवधराम मंझवार के एकलौते पुत्र 16 वर्षीय बीरेंद्र कुमार के साथ होली के एक दिन मारपीट की घटना हुई थी. अवधराम ने बताया कि 16 वर्षीय उसका पुत्र बीरेंद्र मंझवार गांव में ही रहने वाले 16 वर्षीय सुंदर मंझवार के साथ 9 तारीख की शाम बाइक में करतला थाना अंतर्गत केराकछार किसी कार्यक्रम में गया हुआ था. किस काम से गया हुआ था इस बात की जानकारी उसे भी नहीं है. रात लगभग 11 बजे घर पहुंचा और वो अपने कमरे में सो गया. सुबह जब वो काफी समय बीत जाने के बाद भी नहीं उठा तो उसके कमरे में जाकर देखा तो चेहरा खून से लथपथ था और वह बेशुध पड़ा हुआ था.

जब कंबल उठाकर देखा तो पूरा शरीर खून से लथपथ था. गुप्तांग और चेहरे पर गहरे चोंट के निशान थे. मारपीट करने वालो ने बेरहमी से मारपीट की थी. उसकी हालत देख उसे तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत बिगड़ने पर रायपुर रेफर कर दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.

मृतक के पिता अवधराम ने बताया कि उसे जानकारी मिली है कि उसका बेटा सुंदर के साथ जब केराकछार गया हुआ था तो वहां गांव में रहने वाले लड़कों ने बेहरहमी से पीटा है. वहीं सुंदर किसी तरह जान बचाकर भागा है. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने मामले की रिपोर्ट रामपुर सिविल लाइन थाना में लिखवाने का प्रयास किया, लेकिन उन लोगों को करतला भेज दिया गया. अब तक कही शिकायत दर्ज नहीं की गई है. इस मामले में करतला थाना में पदस्थ एएसआई अनिल खाण्डे ने बताया कि शिकायत नहीं मिली है. प्रभारी अवकाश में है.

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