अजयारविंद नामदेव, शहडोल। Story of Budhaiya Baiga: जनजातियों के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का हाल क्या है। इस खबर को पढ़कर आप भलिभांति समझ जाएंगे। ये खबर सरकार और प्रशासन के खोलने दावों की पोल खोलती हुई नजर आएगी। शहडोल कलेक्टोरेट में सोमवार को एक आदिवासी की मौत से हड़कंप मच गया। दिवासी अपनी समस्याओं को दूर करने की आस में कलेक्टोरेट आया था। लेकिन उसे यह पता नहीं था की परेशानियों से तो पर पा जाएगा, लेकिन जिंदगी से हार जाएगा।
पिछड़ी जनजाति को बैगा समाज की महिलाओ के पोषण आहार के लिए मिलने वाले 1 हजार नही मिलने जैसे अन्य कई मामलों को लेकर सैकड़ो की संख्या में बैगा आदिवासी जन जाति समाज विकास एवं कल्याण संघ के बैनर तले आस पास के गांव से भारी संख्या में आदिवासी ज्ञापन सौंपने आए थे। इसी दैरान एक आदिवासी ‘बुधैय्या बैगा’ की मौत हो गई।
दरअसल सरकार द्वारा संरक्षित प्रजाति के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित किए है। हालांकि उसका उन्हें लाभ नही मिल पा रहा। ऐसा पिछड़ी जनजाति के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नही मिलने से नाराज आस पास के गांव के बैगा आदिवासी समुदाय अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में अचानक दिवासी फरियादी बुधैय्या बैगा को तकलीफ हुई और वहीं पर वह बेहोश होकर गिर गया। जब तक लोग उसे जिला अस्पताल ले जाया गया तब तक उसके प्राण निकल चुके थे। आदिवासी अपनी समस्याओं को लेकर यहाँ अपनी समस्या को लेकर आए थे लेकिन उसे यह पता नहीं था की परेशानियों से तो पर पा जाएगा , लेकिन जिंदगी से हार जाएगा।
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