SUCHIR BALAJI DEATH CASE: AI रिसर्चर सुचिर बालाजी की अमेरिका (United States) में 26 नवंबर को हुई मौत की गुत्थी एक महीने बाद भी अबूझ पहली बनी हुई है. अमेरिकी पुलिस घटना के 35 दिन बाद भी ये पता करने में विफल है कि सुचिर ने आत्महत्या की है या फिर ये मर्डर है. वहीं मौत को लेकर उनके परिजनों ने सवाल खड़े किए है. सुचिर की मां पूर्णिमा राव (Poornima Rao) का कहना है कि मेरे बेटे ने आत्महत्या नहीं की है. उसका मर्डर किया गया है. जांच अधिकारियों ने मामले की सही से जांच नहीं की. उन्होंने FBI जांच की मांग की है.
जबकि इस पूरे मामले पर एक्स के मालिक और अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क का भी बयान सामने आया है. उन्होनें कहा कि यह आत्महत्या जैसा मामला नहीं लगता.
भारतीय मूल के अमेरिकी AI रिसर्चर सुचिर बालाजी की मौत का मामला चर्चा में हैं. रिसर्चर बालाजी की 26 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में मौत हुई थी. पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया था. अब इस मामले में सुचीर बालाजी के परिजनों ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए है. सुचीर का परिवार मौत को संदिग्ध मानते हुए एफबीआई जांच की मांग की है. वहीं अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क भी इस आत्महत्या बताने पर संदेह जता चुके हैं.
Bank Holiday 2025 List: बैंकों की छुट्टी को लेकर बड़ा अपडेट, जानिए किस-किस दिन नहीं होंगे कामकाज…
AI रिसर्चर सुचिर की मां पूर्णिमा रामाराव ने एफबीआई जांच की मांग करते हुए दावा किया है कि उनके बेटे के अपार्टमेंट में तोड़फोड़ की गई थी. बाथरूम में खून के धब्बे मिले है, जो हत्या की ओर इशारा करते हैं.
सुचिर का मां का कहना है कि उनके बेटे की हत्या को आत्महत्या घोषित किया गया है. जांच अधिकारियों ने मामले की सही से जांच नहीं की. इस पूरे मामले पर अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क ने भी कहा है कि यह आत्महत्या जैसा मामला नहीं लगता. मस्क ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ये मामला आत्महत्या जैसा नहीं लगता. इस बीच सुचिर की मां ने मस्क से मामले में मदद की गुहार लगाई है.
नए साल में सूना है गोवा?, सुनसान सड़कों और समुद्र तटों की तस्वीर बयां कर रही अलग दास्तां…
बता दे कि सुचिर अमेरिका की बर्कले यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट थे. उन्होंने ओपनएआई और स्केल एआई में काम किया है. उन्होंने 2022 में जीपीटी-4 प्रोजेक्ट के डेटा कलेक्शन के दौरान कॉपीराइट उल्लंघन का पता लगाया था. ऐसे में ओपनएआई जैसे एआई संगठनों पर आरोप और सुचिर की मौत ने एआई रिसर्च और एथिक्स पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
सुचिर बालाजी ने लगभग चार साल तक ‘ओपनएआई’ में काम किया था. तब उन्हें एहसास हुआ कि यह तकनीक समाज को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी. यह बात उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से कही थी. अक्टूबर में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करके बालाजी बताया था, “मैं लगभग 4 साल तक ‘ओपनएआई’ में था और उनमें से पिछले 1.5 साल तक ‘चैटजीपीटी’ पर काम किया. शुरुआत में मुझे कॉपीराइट, फेयर यूज आदि के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी, लेकिन ‘जेनएआई’ कंपनियों के खिलाफ सभी मुकदमों को देखने के बाद मैं जानने को उत्सुक हो गया.” उन्होंने लोगों को ओपनएआई छोड़ने की सलाह दी थी.
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक