संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी– मुंगेली जिले के खुड़िया क्षेत्र मे एक तेंदुए के शावक की मौत के बाद एक बार फिर वन विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. चार साल के शावक का शव दुल्लापुर ग्राम के जंगल से वन विभाग की टीम ने बरामद किया था. जिसका जंगल में ही पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया. पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया गया. इस पूरे मामले में ग्रामीणों का कहना है कि मौके पर जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए बिजली के नंगे तार बिछाए गए थे.

मामले में बड़ा सवाल यह है कि पूर्व में भी लोरमी क्षेत्र के जंगलों मे शिकार के कई मामले आ चुके हैं. वहीं कई बार वन विभाग की टीम ने मौके से पास में ही हाईटेंशन बिजली को लटकाने वाली खूंटी को भी जब्त किया गया है. जिसके सहारे करंट तार लटका कर बेखौफ शिकार किया जाता है.

वहीं मामले मे कांग्रेस नेता सागर सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा है कि वन के रक्षा करने वाले 250 कर्मचारियों को निकाल दिया गया है और वन विभाग के अधिकारी खुद अवैध शिकार, लकड़ी कटाई और जंगल मे लग रही भीषण आग के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं. उनका आरोप है जंगल में करोड़ों रुपए की लागत से तालाब खुदवाने में खर्च होता है जिसका कोई औचित्य नहीं है. उस तालाब में एक बरसात के बाद एक बाल्टी तक पानी नहीं रहता. उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मामले की शिकायत वन मंत्री मोहम्मद अकबर से कर संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करेंगे.

वहीं घटना में लोरमी वन मंडल के अधिकारी खंभन कुमार डड़सेना ने दोषियों को जेल भेजने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ दिया.