आशुतोष तिवारी, रीवा। मध्यप्रदेश के सरकारी अनुदान प्राप्त गौशाला में गायों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। प्रदेश की राजधानी भोपाल बैरसिया गौशाला के बाद रीवा जिले के गौशाला में गायों के कंकाल मिले है।

शहर रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत चोरगड़ी गांव में स्थित गौशाला के पीछे तालाब में आज मवेशियों का कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया। जिसके बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक दस्ते ने मामले की जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि गौशाला के पीछे बने तालाब में गायों की कब्रगाह बनाई गई है। जहां उन्हें मरने के बाद ऐसे ही फेंक दिया जाता है, जिससे उसकी दुर्गंध के कारण ग्रामीणों का जीना भी दुश्वार हो गया है। प्रशासनिक अमले के द्वारा मवेशियों के दफनाने की किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं कराई जाती है। वहां दर्जनों मवेशियों के कंकाल मिले हैं।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मवेशियों की सुविधाओं को देखते हुए पंचायत स्तर पर गौशाला बनाए जाने के दावे किए जा रहे हैं। जिससे गांव में विचरण करने वाले मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सके। मगर सरकार के दावे जमीनी हकीकत कुछ और ही है।ताजा मामला रीवा जिले की रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत क्षेत्र चोरगड़ी गांव का है जहां 1 दर्जन से अधिक मवेशियों को मरने के बाद गौशाला के पीछे बने तालाब में ऐसे ही फेंक दिया गया। मरी गायों की दुर्गंध की वजह से ग्रामीणों का जीना भी दुश्वार हो गया है।

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बताया जाता है कि गौशाला में 200 से अधिक मवेशियों के रखने की व्यवस्था कराई गई है, परंतु आज इन व्यवस्थाओं की पोल खोलती तस्वीर देखने को मिली है। गौशाला में मवेशियों के दफनाने की किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं कराई गई। मरने के बाद मवेशियों को खुले तालाब में फेंक दिया गया। वहीं तकरीबन दर्जनों मवेशियों के कंकाल देखने को मिला। मामले को लेकर आज जब ग्रामीणों के द्वारा शिकायत की गई तब मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अमले ने जांच का आश्वासन देते हुए उचित कार्यवाही की बात कही है।

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