रेणु अग्रवाल,धार। मध्यप्रदेश के धार जिले में बाग के ग्राम बरखेड़ा में रविवार को झाड़ियों में छिपे मादा तेंदुए की आज मौत हो गई. डॉक्टर्स ने तेंदुए की मौत का कारण शरीर में इंफेक्शन फैलना बताया है. डॉक्टरों के पीएम किए जाने के बाद डीएफओ की मौजूदगी में मादा तेंदुए का दाह संस्कार किया गया.

दरअसल बाग वन परिक्षेत्र के ग्राम बरखेड़ा की झाड़ियों में मादा तेंदुए की गुर्राहट ग्रामीणों ने सुनी थी. जिसकी सूचना पर वन विभाग का अमला रविवार शाम को बरखेड़ा पहुंचा, लेकिन एक्सपर्ट नहीं होने के चलते कोई भी तेंदुए के पास पहुंचने की हिम्मत नहीं कर पाया. जिस कारण मादा तेंदुए ने दम तोड़ दिया. आज सुबह तेंदुए के शरीर में कोई हलचल नहीं होने पर वन विभाग ने उसकी मौत की पुष्टि की.

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तीन पशु चिकित्सकों के दल ने मृत तेंदुए का पीएम किया. डॉक्टरों के अनुसार मादा तेंदुए के शरीर में कुछ समय से इंफेक्शन के चलते पेट में पस और पानी भर गया था. जिसके चलते आंते सिकुड़ जाने से उसकी मौत होना प्रथम दृष्ट्या प्रतीत होता है. डीएफओ जी.डी. बरबड़े ने बताया कि मादा तेंदुए की मौत इंफेक्शन के चलते हुए हुई है. एसडीओपी संतोष कुमार रनशोरे ने बताया कि डॉक्टरों के दल से पोस्टमार्टम करवाया, उसके बाद दाह संस्कार दिया गया है.

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धार के सहायक वनाधिकारी संतोष कुमार रणशोरे ने बताया कि सूचना तो कल मिल गई थी कि बाघ बैठी हुई है और गुर्रा रही है. नजदीक जाने का वहां पर प्रयास नहीं कर सकते थे, क्योंकि वह गुर्रा रही थी. आज जब उसको देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी. पोस्टमार्टम कराने पर यह पता लगा कि उसकी अंतड़ियां सुकड़ी हुई थी. शरीर में पानी भरा हुआ था. किसी बीमारी की वजह से उसकी मौत हुई है. पोस्टमार्टम में मादा तेंदुए के गर्भवती होने की पुष्टि नहीं हुई है. मादा तेंदुआ झाड़ियों के पीछे गुर्रा रही थी, इसलिए प्रतीत हुआ कि वह स्वस्थ्य है.

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