छत्तीसगढ़ में तीन दिन में तीन हथिनी की मौत से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ गई है. हथिनियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले दो मादा हाथियों की सूरजपुर और आज बलरामपुर में एक मादा हाथी की जंगल में शव बरामद हुई है. वही कल मिले हथिनी की शव का 24 घंटे बाद भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका है, क्योंकि हाथियों का दल शव घेर कर खड़े हैं.
सुनील पासवान/दिलशाद अहमद,बलरामपुर/सूरजपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र के अतौरी के जंगल में आज और एक हथिनी का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. हथिनी की मौत 3 से 4 दिन पहले की होनी बताई जा रही है, लेकिन उसकी मौत कैसे हुई है इसका पता अब तक नहीं चल सका है. ये हथिनी उन्हीं 18 हाथियों के दल की सदस्य थी, जो पिछले एक सप्ताह से इलाके में विचरण कर रहे हैं. इसी दल के दो हथिनियों की लाश लगातार दो दिनों में प्रतापपुर के गणेशपुर में मिली थी और वहीं आज उसी दल के तीसरे हथिनी का शव मिलने से हड़कंप मच गया है.
सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है और मामले की विवेचना में जुट गई है. हथिनी की लाश मिलने की खबर के बाद वहां ग्रामीणों की भी भारी भीड़ जमा हो गई है. लगातार एक के बाद एक तीन हथिनियों की लाश मिलने के बाद सभी चिंतीत हैं, कि आखिर लगातार इन हथिनियों की मौत कैसे हो रही है.
बीमारी हो सकती है मौत की वजह ?
डिप्टी रेंजर राजेंद्र तिवारी ने बताया कि कुछ दिनों पहले इन्हीं हाथियों का समूह करवां में आया था और एक घर को तोड़ने, अनाज खाने के बाद इसी ओर चला गया था. डिप्टी रेंजर ने आशंका जताई है की इन हथिनियों की मौत संभवत किसी बीमारी से हो रही है और कोई दूसरा कारण उन्हें नहीं लग रहा है.
शव घेर कर खड़ा है हाथियों का दल
सूरजपुर जिले में दो दिनों में दो हथिनियों के मौत ने वन विभाग पर सवालिया निशान लगा दिया है, तो वहीं 24 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी मृत हथिनी के दल के दूसरे हाथी उसे उसके मौत के बाद से घेर कर रखे हुए हैं. यही कारण है कि पशु चिकित्सक मृत हथिनी का पोस्टमार्टम नहीं कर पाए हैं. जिससे हथिनी की मौत रहस्य ही बनी हुई है.