Byju’s Relaunch Update: कर्ज में डूबी और संकटों से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजू के संस्थापक बायजू रविंद्रन ने हाल ही में घोषणा की कि वे जल्द ही कंपनी को फिर से लॉन्च करेंगे. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए रविंद्रन ने अपनी पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘हम टूटे थे, लेकिन टूटे नहीं. हम फिर से उठेंगे. मुझे अपने छात्रों की आंखों में चमक याद है.’

बता दें, एक समय था, जब बायजू देश की सबसे बड़ी एडटेक स्टार्टअप थी. 2022 तक इसकी वैल्यू 22 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.88 लाख करोड़ रुपये थी, लेकिन वित्तीय कुप्रबंधन और अन्य समस्याओं के कारण 2024 में कंपनी की नेटवर्थ शून्य हो गई.
बायजू ने कही ये बड़ी बातें…
एक बार फिर जब हम अपनी कंपनी को फिर से लॉन्च करेंगे, जो मुझे लगता है कि उम्मीद से जल्दी होगा – तब हम खास तौर पर अपने पुराने लोगों को काम पर रखेंगे. मेरा अति-आशावाद कुछ लोगों को पागलपन लग सकता है, लेकिन यह मत भूलिए कि नंबर एक बनने के लिए आपको अलग और अजीब होना चाहिए.
20 सालों के बारे में बात करने के लिए यहाँ हूँ – अच्छे 17, बुरे 2 और बदसूरत 1, कोई फ़िल्टर नहीं, सिर्फ़ तथ्य. 9 सालों में हमने 2.15 लाख ग्रेजुएट्स को काम पर रखा.
सभी को अनुभव और शैक्षणिक पृष्ठभूमि के आधार पर बिना किसी भेदभाव के न्यूनतम 6 लाख रुपये का वेतन दिया गया. इन युवाओं को उनके करियर में पहला मौका देना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है.
उन्नति की कहानी
2011 में, रवींद्रन ने एक छोटे से शिक्षा मंच के रूप में BYJU की शुरुआत की. इसकी शुरुआत कोचिंग कक्षाओं से हुई, लेकिन 2015 में ऐप लॉन्च होने के साथ ही यह तेज़ी से आगे बढ़ा. बच्चों के लिए इंटरेक्टिव लर्निंग, आसान भाषा और तकनीक का इस्तेमाल इसकी खासियत बन गई.
2020-21 में, कोविड महामारी ने ऑनलाइन शिक्षा की मांग को बढ़ा दिया और Byju’s ने इसका पूरा फ़ायदा उठाया. आक्रामक मार्केटिंग (शाहरुख खान जैसे ब्रांड एंबेसडर) और अधिग्रहण (व्हाइटहैट जूनियर, आकाश जैसी कंपनियां) ने इसे 2022 तक 22 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर पहुंचा दिया, जिससे यह भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बन गया.
गिरावट की शुरुआत
2022 के बाद, बायजू की चमक फीकी पड़ने लगी. आक्रामक विस्तार और अधिग्रहण के लिए लिया गया भारी कर्ज कंपनी पर बोझ बन गया. वित्तीय रिपोर्ट में देरी हुई और 2021-22 में ₹8,245 करोड़ का घाटा दर्ज किया गया. निवेशकों ने पारदर्शिता पर सवाल उठाए. कंपनी पर आक्रामक बिक्री रणनीति और रिफंड न देने का आरोप लगाया गया, जिससे ग्राहकों का भरोसा टूट गया.
गिरावट
2023 तक, स्थिति और खराब हो गई. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फेमा उल्लंघनों की जांच शुरू कर दी. बोर्ड के सदस्यों और ऑडिटर डेलॉइट ने इस्तीफा दे दिया. अमेरिकी ऋणदाताओं ने दिवालियापन की मांग की. कर्मचारियों को निकाल दिया गया. बायजू के मूल्यांकन में तेजी से गिरावट आई.
अंत की ओर जाने की कहानी
2024 तक बायजू का मूल्यांकन शून्य हो गया. कानूनी लड़ाइयों, कर्ज के पहाड़ और परिचालन में अस्थिरता ने इसे डुबो दिया. वर्तमान में इसके खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही चल रही है.
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