26 December Panchang: 26 दिसंबर 2025 यानी शुक्रवार को पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी और सप्तमी तिथि का संयोग बन रहा है. शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है. हालांकि इस दिन कुछ समय के लिए अशुभ योग और राहुकाल का प्रभाव भी बने रहेगा. ऐसे में शुभ कार्य करने से पहले पंचांग देखना आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है.

तिथि और नक्षत्र
26 दिसंबर को प्रातः काल से दोपहर लगभग 2 बजे तक षष्ठी तिथि रहेगी. इसके बाद पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि आरंभ होगी, जो अगले दिन सुबह तक प्रभावी रहेगी. नक्षत्र की बात करें तो सुबह शतभिषा नक्षत्र रहेगा, जिसके बाद पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र का आरंभ होगा, जो 27 दिसंबर की सुबह तक रहेगा.
शुभ-अशुभ योग
दिन की शुरुआत सिद्धि योग से होगी, जो दोपहर करीब 2 बजे तक रहेगा. इसके बाद व्यातीपात योग का आरंभ होगा, जो अगले दिन सुबह तक रहेगा. वहीं सुबह करीब 7 बजे से 9 बजे तक रवि योग और आडल योग का संयोग बनेगा.
सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्र समय
सूर्योदय सुबह 7:12 बजे और सूर्यास्त शाम 5:32 बजे होगा. चंद्रोदय सुबह 11:19 बजे तथा चंद्रास्त रात 11:24 बजे रहेगा.
संवत और चंद्रमास
इस दिन विक्रम संवत 2082 (कालयुक्त), शक संवत 1947 (विश्वावसु) और गुजराती संवत 2082 (पिंगल) रहेगा. पूर्णिमांत और अमांत दोनों में पौष मास रहेगा.
करण
सुबह तैतिल करण रहेगा, जो दोपहर 1:44 बजे तक प्रभावी होगा. इसके बाद गर करण शुरू होगा, जो अगले दिन सुबह तक रहेगा.
26 दिसंबर 2025 के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:23 से 6:17 बजे तक रहेगा.
प्रातः संध्या 5:50 से 7:12 बजे तक होगी.
अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:42 बजे तक रहेगा.
विजय मुहूर्त दोपहर 2:05 से 2:46 बजे तक रहेगा.
गोधूलि मुहूर्त शाम 5:29 से 5:56 बजे तक रहेगा.
सायाह्न संध्या शाम 5:32 से 6:54 बजे तक और निशिता मुहूर्त रात 11:55 से 12:49 बजे तक रहेगा.
अशुभ समय
राहुकाल सुबह 11:04 से दोपहर 12:22 बजे तक रहेगा.
यमगंड दोपहर 2:57 से 4:14 बजे तक और गुलिक काल सुबह 8:29 से 9:47 बजे तक रहेगा.
दुर्मुहूर्त सुबह 9:16 से 9:57 बजे तक तथा दोपहर 12:42 से 1:24 बजे तक रहेगा.
वर्ज्य काल दोपहर 3:27 से शाम 5:03 बजे तक रहेगा.
पंचक पूरे दिन प्रभावी रहेगा.
नवग्रहों की स्थिति
केतु सिंह राशि में, शनि मीन राशि में और बुध वृश्चिक राशि में विराजमान रहेंगे. चंद्रमा और राहु कुंभ राशि में स्थित रहेंगे. देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में रहेंगे, जबकि सूर्य, शुक्र और मंगल धनु राशि में विराजमान रहेंगे.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है और केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है. इसकी सटीकता की पुष्टि हम नहीं करते, किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
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